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प्रोफेसर एमएस स्‍वामिनाथन और डा. जी मुनिरत्‍नम को मुप्‍पावरापु वेंकैया नायडू राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम एस स्वामीनाथन और जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता, डॉ. गुट्टा मुनिरत्नम को क्रमशः मुप्पावरप्पु वेंकैया नायडू नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस और  समाज सेवा के लिए मुप्पावरापु राष्ट्रीय पुरस्कार’ के लिए चुना गया।

नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस की शुरुआत मुप्पावरापू फाउंडेशन द्वारा की गई थी, जबकि समाज सेवा के लिए मुप्‍पावरापू राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार आज स्वर्ण भारत ट्रस्ट द्वारा हैदराबाद में शुरु किया गया।

प्रो. एम.एस. स्वामीनाथन को कृषि के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जा रहा है जबकि  जबकि डॉ. जी मुनिरत्नम को समाज सेवा के माध्यम से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में उनके असाधारण योगदान के लिए पुरस्‍कार  दिया जा रहा है।

पादप आनुवांशिकी में प्रशिक्षण प्राप्‍त प्रो. स्‍वामिनाथन के देश के कृषि क्षेत्र में योगदान ने एक नयी क्रांति का सूत्रपात किया जिसके कारण उन्‍हें हरित क्रांति का जनक कहा जाने लगा।  डा. मुनिरत्‍नम तिरुपति स्थित राष्‍ट्रीय सेवा समिति के संस्‍थापक सचिव और एक जाने माने समाज सेवी हैं। उन्‍होंने अपना सारा जीवन ग्रामीण क्षेत्रों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।

पुरस्‍कारों की घोषणा आज हैदराबाद में मुप्‍पावरपु फाउंडेशन की दसर्वी वर्षगांठ और संक्रांति उत्‍सव के उपलक्ष्‍य में की गई।डा. स्‍वामिनाथन समारोह में भाग नहीं ले सके जबकि डा. मुनिरत्‍नम ने उपराष्‍ट्रपति के हाथों पुरस्‍कार प्राप्‍त किया। पुरस्‍कार के रूप में पांच लाख नकद और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि कहा कि प्रतिभा और ज्ञान का सम्मान करना और उसे पहचान देना भारतीय संस्कृति में निहित है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार अन्य लोगों को पुरस्कृत व्‍यक्तियों से प्रेरणा लेने के लिए दिया गया है।

संस्कृति और परंपराओं के प्रचार में मातृभाषा के महत्व का उल्लेख करते हुए, श्री नायडू ने कहा कि वह चाहते हैं कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का माध्‍यम मातृभाषा हो।

श्री नायडू ने कहा कि मकर संक्रांति जैसे त्यौहार लोगों को प्रकृति के साथ जोड़ने और प्रकृति तथा भारतीय संस्कृति के बीच जुड़ाव को दर्शाने का अवसर होते हैं। उन्‍होने कहा कि  यह समय अपने बुजुर्गों का स्‍मरण करने  और उन्‍हे सम्मान देने का भी है।

इस अवसर पर तेलंगाना के राज्यपाल, डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल, श्री बंडारू दत्तात्रेय, तेलंगाना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, राघवेंद्र सिंह चौहान, केन्‍द्रीय गृह राज्य मंत्री, जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के पर्यटन और संस्कृति तथा पुरातत्व मंत्री, तेलंगाना के गवर्नर श्री विरसानोला श्रीनिवास गौड़ भी उपस्थित थे।

इसके अलावा इस मौके पर तेलुगु फिल्म अभिनेता श्री वेंकटेश, श्री महेश बाबू और फिल्म निर्देशक, श्री राघवेन्द्र राव सहित विभिन्न क्षेत्रों के कई प्रमुख लोग भी मौजूद थे।

उपराष्‍ट्रपति की पत्‍नी श्रीमती उषाम्‍मा, मुप्‍पावरापु फाउंडेशन के प्रबंध न्‍यासी श्री हर्षवर्धन और स्‍वर्ण भारत ट्रस्‍ट की प्रबंध न्‍यासी श्रीमती दीपा वेंकेट भी इस अवसर पर उपस्थि‍ थीं।

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