केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने आज आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के अंतर्गत 2 करोड़ उपचार पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित आरोग्य धारा- 2.0 कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
कल अस्पताल में 2 करोड़ से ज्यादा प्रवेश पूरे होने की उपलब्धि के साथ, 23 सितंबर, 2018 को योजना के शुभारम्भ के बाद देश में 33 राज्यों/यूटी में 23,000 सरकारी और निजी पैनलबद्ध अस्पतालों के बढ़ते नेटवर्क के माध्यम से अभी तक लगभग 25,000 करोड़ रुपये के उपचार उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए और इस उपलब्धि को संभव बनाने वाले हर कर्मचारी को बधाई देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई गरीबों और वंचित लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने वाली एक महत्वाकांक्षी योजना है। योजना ने प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये के नकदीरहित और कागजरहित स्वास्थ्य सेवा लाभों के साथ सभी पात्र लाभार्थियों को सशक्त बनाया है। इस प्रकार, कई वंचित वर्ग साहूकारों के पास जाए बिना उपचार करा सकते हैं।”
भारत में सभी को स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने की दिशा में दृढ़ राजनीतिक प्रतिबद्धता पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री की पृष्ठभूमि ने उन्हें गरीबों और निराश्रितों की पीड़ा को महसूस करने में सक्षम बनाया है।” इस अवसर पर उन्होंने आम जनता से योजना के प्रसार का आह्वान किया, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें नामांकन करा सकें जिससे उन्हें कार्यक्रम के अंतर्गत जरूरी उपचार उपलब्ध कराया जा सकता है।
अपने व्यक्तिगत जीवन के उदाहरणों का उल्लेख करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि योजना ने गरीब लोगों को उसी अस्पताल में इलाज करने में सक्षम बनाया है, जहां संपन्न लोग इलाज कराते हैं।
श्री मंडाविया ने देश के सबसे गरीब लोगों तक एबी पीएम जेएवाई कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने और लाभार्थियों को योजना के बारे में जागरूक बनाने के लिए आरोग्य धारा 2.0 का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ भी किया।
इस अवसर पर निम्नलिखित मुख्य पहलों का शुभारम्भ किया गया।
अधिकार पत्र : इसे लाभार्थियों को पीएम-जेएवाई योजना के तहत उपचार के लिए उनके अस्पताल में भर्ती के दौरान उनके अधिकारों के बारे में जागरूक बनाने के लिए जारी किया जाएगा, जिससे वे योजना के तहत 5 लाख रुपये तक मुफ्त और नकदीरहित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दावा कर सकते हैं।
अभिनंदन पत्र : यह एक ‘धन्यवाद पत्र’ है, जिसे पीएम-जेएवाई के तहत उपचार के बाद डिस्चार्ज के दौरान एबी पीएम-जेएवाई योजना के लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को जारी किया जाएगा। अभिनंदन पत्र के साथ, लाभार्थी द्वारा योजना के तहत प्राप्त सेवा के लिए एक फीडबैक प्रपत्र भी भरा जाता है।
आयुष्मान मित्र : एक अन्य प्रमुख पहल शुरू की गई, जो सभी नागरिकों को पात्र लोगों को उनका आयुष्मान कार्ड दिलाने और उन्हें योजना के दायरे में लाने में सहायता देकर आयुष्मान भारत के विजन में योगदान करने का अवसर उपलब्ध कराती है। ऐसा https://pmjay.gov.in/ayushman-mitrato पर जाकर आयुष्मान मित्र आईडी बनाकर किया जा सकता है, जिसे पात्र लोगों के साथ साझा किया जा सकता है। आयुष्मान कार्ड लेने और योजना के अंतर्गत उपचार का लाभ उठाते समय लाभार्थी आयुष्मान मित्र आईडी सीएससी/ पैनलबद्ध अस्पताल में साझा कर सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान योजना के लाभार्थियों के साथ संवाद किया।
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ. आर एस शर्मा ने लाभार्थियों के लिए देश में कहीं भी समयबद्ध तरीके से 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता हासिल करने के उद्देश्य से एक सरल, तेज, नकदीरहित, पारदर्शी और कागजरहित दावा प्रक्रिया संभव बनाने के लिए एनएचए के मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म की सराहना की। साथ ही उन्होंने योजना के अंतर्गत 50 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के सत्यापन और नामांकन के सरकार के लक्ष्य को जल्द हासिल होने की उम्मीद जताई।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने इतने कम समय में यह उपलब्धि हासिल करने के लिए पूरे एनएचए परिवार का आभार प्रकट किया और कहा कि इस योजना ने शुरू होने के तीन साल के दौरान अस्पताल देखभाल के क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
एनएचए के अतिरिक्त सीईओ डॉ. प्रवीण गेदाम, एनएचए के डिप्टी सीईओ डॉ. विपुल अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे थे।
कार्यक्रम का यहां पर प्रसारण किया गया था:
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