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अयोध्या के विकास से संबंधित परियोजना लगभग 80 प्रतिशत पूरी: श्री पटेल

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नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी आज अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के भूमि पूजन समारोह में शामिल हुए। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के भूमि पूजन के लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।

     श्री पटेल ने कहा कि यह विश्वास और आध्यात्मिकता का एक महान क्षण है। उन्होंने कहा कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या आध्यात्मिकता के कुंड में डुबकी लगाने के लिए एक पवित्र जगह है। अनेकों मंदिरों वाला यह शहर प्राचीन भारत के सबसे पूजनीय शहरों में से एक है। प्राचीन मान्यता है कि देवताओं ने खुद इस शहर का निर्माण किया था।

     श्री पटेल ने कहा कि भगवान राम का मंदिर बनने से धार्मिक/आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि पुरातन काल से तीर्थ यात्राएं यात्रा के लिए सबसे प्रभावशाली प्रेरकों में से एक रही हैं। धार्मिक/आध्यात्मिक पर्यटन ने वैश्विक मंदी के दबाव में भी खुद को सशक्त साबित किया है क्योंकि इसे लग्जरी के रूप में नहीं देखा जाता है। एक उद्देश्य के साथ यात्रा होती है और इसकी प्रकृति के कारण तीर्थयात्रा किसी भी आर्थिक परिदृश्य में प्रफुल्लित और मजबूत रहती है। ऐसे में पर्यटन मंत्रालय भारत में गहराई से निहित विश्व के सभी महान धर्मों के अनुयायियों को सहयोग करने का आश्वासन देता है।

     श्री पटेल ने यह भी कहा कि पर्यटन मंत्रालय अपनी स्वदेश दर्शन योजना- थीम आधारित टूरिस्ट सर्किटों के समेकित विकास- के तहत देशभर की सर्किटों में पर्यटन अवसंरचना का विकास कर रहा है, जिसमें योजनाबद्ध और प्राथमिकता के साथ पर्यटन की संभावनाएं हैं। इस योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय ने रामायण सर्किट थीम के तहत ‘अयोध्या का विकास’ परियोजना के लिए साल 2017-18 में 127.20 करोड़ की धनराशि आवंटित की है। मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत मंजूर किए गए कार्यों में राम कथा गैलरी और पार्क का विकास, राम की पैड़ी, गुप्तारघाट और लक्ष्मण किला घाट, अयोध्या गली का कायाकल्प, दिगंबर अखाड़ा में बहुउद्देशीय हॉल आदि शामिल हैं। इस परियोजना में शामिल अन्य घटक हैं- सोलर लाइटिंग, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ड्रेनेज की व्यवस्था, पुलिस बूथ, विभिन्न स्थानों के लिए संकेतक, पत्थर की बेंच, गजेबो, पीने के पानी के केयोस्क, सीसीटीवी, बस डिपो और पार्किंग, टूरिस्ट शेड, सार्वजनिक स्थानों की लैंडस्केपिंग और तुलसीदास के बगीचे का सुंदरीकरण आदि। अब तक परियोजना का लगभग 80 फीसदी काम जमीन पर पूरा हो चुका है।

इसके अलावा पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2016-17 में स्वदेश दर्शन की रामायण सर्किट थीम के तहत ‘चित्रकूट और श्रृंगवेरपुर का विकास’ नामक एक और परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए 69.45 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। श्रृंगवेरपुर में इस परियोजना के कई घटक हैं जैसे संध्या घाट का विकास, पर्यटक सुविधा केंद्र, राम शयन, वीरासन और सीता कुंड का विकास, सोलर लाइटिंग, पार्किंग संकेतक आदि। चित्रकूट में स्वीकृत विभिन्न घटकों में परिक्रमा मार्ग, भोजन कियोस्क, पार्किंग, आधुनिक शौचालय की सुविधा, फुट ओवर ब्रिज पर्यटक सुविधा केंद्र और रामायण गैलरी, रामघाट पर लेजर शो और आखिर तक कनेक्टिविटी आदि शामिल हैं।

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