नई दिल्ली: अजमेर शरीफ दरगाह प्रमुख के नेतृत्व में देश की प्रतिष्ठित खानकाहों और दरगाहों के प्रमुखों के प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर घाटी के लोगों से शांति बनाए रखने तथा राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में सरकार की सहायता करने की अपील की है। आज केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने श्री राजनाथ सिंह से कहा कि शांति स्थापित करने में वे अपने भाईयों और बहनों से अनुरोध करने कश्मीर जाएंगे।
दरगाह ख्वाजा साहब अजमेर शरीफ के प्रमुख और दरगाह ख्वाजा साहेब अजमेर शरीफ सज्जादनशीन दीवान सैय्यद जैनुल अब्दीन साहेब की अगुवाई में गृहमंत्री से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और उम्मीद जताई कि केंद्रीय गृह मंत्री लोगों के दुख-दर्द को दूर करने तथा कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री हरसंभव कदम उठाएंगे। मुस्लिम धर्मगुरूओं ने कहा कि सात सौ वर्षों से अधिक सूफीवाद का केंद्र रहे कश्मीर की मौजूदा स्थिति से वे दुखी हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पिछले कई वर्षों से सामाजिक मूल्यों और लोकाचार में गिरावट आयी है। एक ओर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव है तो दूसरी ओर मुस्लिम लोगों में उग्रपंथी विचार बढ़ते जा रहे हैं। इससे साझे सांस्कृतिक मूल्यों, शांति और जन समुदाय की खुशी को भारी नुकसान हो रहा है। दीवान सैय्यद जैनुल अब्दीन साहेब ने कहा कि अपने देश के लोगों और पूरी दुनिया के लोगों की स्थिति और पीड़ा से वे चिंतित और दुखी हैं। सबसे खराब बात यह हो रही है कि अमन के धर्म इस्लाम को हिंसा और आतंकवाद की अनेक घटनाओं से जोड़ा जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दुनिया में अशांति पैदा करने वालों को यह ज्ञात होना चाहिए कि इस दुनिया में शांति की ताकत से बड़ी कोई ताकत नहीं है। हिंसा से केवल और केवल परेशानियां ही पैदा होती हैं और मानवता की किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम एक साथ मिलकर ही ऐसे खूबसूरत देश का निर्माण कर सकते हैं, जिसमें सभी लोग शांति और सद्भावना से रहें और तेजी से प्रगति करें।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि भारत सूफी मत और आध्यात्मिक शक्तियों की भूमि है। अजमेर शरीफ में ख्वाजा साहब दरगाह और नई दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह और पूरे देश में स्थित सैकड़ों सूफी केन्द्र पिछले 800 से भी अधिक वर्षों से भारत और पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिक शक्ति और मार्गदर्शन का स्रोत रहे हैं। ये खानकाह और दरगाह किसी जाति, पंथ और धर्म का भेदभाव किए बिना हर साल दिव्य शक्ति की मदद चाहने वाले लाखों लोगों के दर्द और परेशानियों को दूर कर रही हैं।
दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया, दिल्ली, दरगाह एचजैडटी खाजा बंदा नवाज, गुलबर्गा, कर्नाटक, दरगाह फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश, दरगाह मनेर शरीफ बिहार, दरगाह युसुफेन नप्पाली आंध्रप्रदेश, दरगाह अम्बेठा शरीफ गुजरात और दरगाह हरदरवाजा हैदराबाद सहित देश की सभी बड़ी दरगाहों के सज्जादानशीन इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं।