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आयुर्वेद से त्वचा, आंखों और बालों को सुरक्षित रखें: डॉ. प्रताप चैहान, निदेशक, जीवा आयुर्वेद

देश-विदेश

दुनिया में किसी भी देश में वसंत उतने उत्साह से नहीं मनाया जाता है जितना उत्साह से भारत में मनाया जाता है। होली से लेकर वसंत उत्सव और फिर बिहूतक पूरे देश में वसंत का जश्न बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जब आप रंगों के त्योहार का आनंद लेते हैं, तो उससे पहले यहसुनिश्चित कर लें कि होली के रंगों से आपकी त्वचा सुरक्षित रहे। होली के रंगों से त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए यहाँ कुछ सरल आयुर्वेदिक सुझाव दिए गए हैं:

  • होलीसे एक दिन पहले, पूरे शरीर पर सरसों का तेल लगाएँ। चेहरे, हाथों और पैरों पर अच्छी तरह से तेल लगाएं क्योंकि ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां रंग फेंकेया लगाये जाते हैं। यह आपकी त्वचा को रंगों से सुरक्षित रखेगा और आप आसानी से रंगों को हटा सकेंगे।
  • अपनेबालों में पर्याप्त मात्रा में नारियल तेल लगाएं। यह एक सुरक्षा एजेंट के रूप में कार्य करता है और रंगों को जड़ों में गहराई तक घुसने से रोकताहै।
  • इसकेविकल्प के रूप में आप लोशन का उपयोग भी कर सकते हैं। यह रंग खेलने के बाद रंगों को साफ करने में भी बहुत प्रभावी है, और इससे यहांतक सबसे गहरे रंग भी साफ हो जाएंगे।

आँखों और मुँह की सुरक्षा के लिए उपाय

अगर सूखा रंग आपकी आंखों में चला जाए तो तुरंत इसे पानी से धो लें। होली के दिन अपनी आँखों को थोड़ी- थोड़ी देर पर पानी से धोते रहें। अपनी आंखों में कुछगुलाब जल डालें और लेट जाएं। इससे आपकी आंखों को आराम मिलेगा।

त्वचा की एलर्जी के उपचार

आज बाजार में उपलब्ध अधिकांश रंगों में रसायन मिले होते हैं और असुरक्षित हैं। इसलिए आॅर्गेनिक रंगों को प्राथमिकता दें। यदि आपकी त्वचा पर चकत्ते होजाते हैं, तो इन सरल उपायों का पालन करें:

  • यदिरंग को रगड़ कर लगाया गया है तो इसे हटाने के लिए साबुन की बजाय फेस वॉश का उपयोग करना सबसे अच्छा है। धोते समय हल्के हाथों से त्वचाहो रगड़ें क्योंकि यह प्रक्रिया आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • होलीखेलने के लिए बाहर जाने से पहले लगभग एक घंटे के लिए कुछ मुल्तानी मिट्टी भिगो दें। होली खेलने के बाद, प्रभावित हिस्सों पर मुल्तानी मिट्टीलगाएं। इससे बाद में चकत्ते नहीं होंगे।
  • एकऔर घरेलू उपाय के तौर पर गुलाब जल में बेसन, खाद्य तेल और दूध की मलाई मिला कर गाढ़ा पेस्ट बना लें और उसे अपने चेहरे, हाथ और पैरों परलगाएं। पेस्ट सूख जाने पर इसे रगड़ कर हटा दें। यह चकत्ते को ठीक करने का एक अच्छा तरीका है।

जिद्दी रंगों को हटाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

कुछ रंगों को एसिड, षीषा और कठोर रसायनों जैसे हानिकारक पदार्थों से तैयार किया जाता है जिन्हें हटाना मुश्किल होता है। नीचे कुछ घरेलू उपचार दिये गए हैंजो इन मजबूत रसायनों को हटाने में मदद करेंगे।

  • आधाकटोरी दही में दो चम्मच नींबू के रस मिला लें। रंग वाले हिस्सों पर इसे लगाएं और गुनगुने पानी से स्नान करें।
  • उबटन(क्रीम) होली के रंगों को हटाने के लिए एक और अच्छा उपाय है।
  • त्वचाको बहुत रगड़ने से बचें, क्योंकि सिंथेटिक रंग के संपर्क में आने पर हमारी त्वचा संवेदनशील हो जाती है। त्वचा को रगड़ने से इसकी स्थिति औरअधिक खराब हो जाएगी।
  • रंगखेलने और स्नान कर लेने के बाद धूप में बाहर जाने से बचें।

डॉ. प्रताप चैहान जीवा आयुर्वेद के निदेशक हैं और वे लेखक, सार्वजनिक वक्ता, टीवी व्यक्तित्व और आयुर्वेदाचार्य हैं।

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