लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि शिक्षक समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है। एक शिक्षक लोगों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है। शिक्षित व्यक्ति ही समाज को अच्छा नेतृत्व दे सकता है। शिक्षक को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रतिभा दिखानी चाहिए। शिक्षक शिक्षा के माध्यम से गांवों के विकास को गति देने में सहायक होता है। जब हमारे गांव सम्पन्न होंगे, तो हमारा देश व प्रदेश भी खुशहाल होगा।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां डाॅ0 राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में आयोजित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र वितरण समारोह के दौरान व्यक्त किये। नवनियुक्त शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन आपके जीवन के लिए अविस्मरणीय है, क्योंकि यह नियुक्ति-पत्र आपको शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर वितरित किया जा रहा है। शिक्षक के रूप में आपको जीवन में सर्वश्रेष्ठ करने का अवसर प्राप्त होगा।
इस अवसर पर 16 जनपदों-गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, लखनऊ, गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, रायबरेली, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, हरदोई, सीतापुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात व फतेहपुर के लगभग 3,000 नवनियुक्त सहायक अध्यापकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए गये। मुख्यमंत्री जी ने 32 नवनियुक्त शिक्षकों को स्वयं नियुक्ति-पत्र प्रदान किये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक शिक्षक समाज के लिए कितना उपयोगी हो सकता है, यह सर्वविदित है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों के साथ मानवीय संवेदना स्थापित करते हुए कार्य करंे, तो इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिलेंगे। वर्तमान राज्य सरकार ने ‘स्कूल चलो अभियान’ चलाया, जिससे विद्यार्थियों में आशातीत वृद्धि हुई और इस समय एक करोड़ 77 लाख विद्यार्थी प्राथमिक विद्यालयांे में पंजीकृत हैं। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे शिक्षा देने तक सीमित न रहकर अपने विद्यार्थियों के परिवार से भी जुड़ने का कार्य करें, जिससे वे शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने कायाकल्प योजना भी शुरू की है, जिसके माध्यम से विद्यालयों में बुनियादी आवश्यकताओं को मुहैया कराया जा रहा है। इसमें जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी व अन्य सहभागी बन रहे हैं। उन्होंने बस्ती जनपद के प्रधानाध्यापक श्री सर्वेष्ट मिश्रा का जिक्र करते हुए कहा कि जो स्कूल बन्दी की कगार पर आ गया था, उस स्कूल में उन्होंने बुनियादी जरूरतों के साथ ही स्मार्ट क्लास शुरू किया। इसका परिणाम यह रहा कि इस स्कूल में 300 से ज्यादा बच्चे पंजीकृत हो गये और श्री मिश्रा को राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नियुक्ति-पत्र प्राप्त शिक्षकों को प्रदेश के सभी 8 आकांक्षात्मक जनपदों (बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, चन्दौली, सोनभद्र, फतेहपुर, चित्रकूट तथा सिद्धार्थनगर) में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्राॅक्सी अध्यापकों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए विद्यालय में उनके फोटो भी लगवाएं, जिससे विद्यार्थी अपने अध्यापकों को पहचान सकें। शिक्षक शिक्षा को मनोरंजक बनाने का काम करें, जिससे विद्यार्थी रुचि लेकर पढ़ाई कर सकें। उन्होंने कहा कि बच्चों को योगासन, संगीत, अन्त्याक्षरी व अन्य रचनात्मक कार्याें से भी जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार हर प्रतियोगी परीक्षा की शुचिता के लिए कार्य कर रही है। हमारा प्रयास है कि व्यवस्था पारदर्शी हो, जिससे प्रतियोगी कुंठा का शिकार न हो। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित अथवा दूषित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। पेपर लीक में शामिल लोगों को तत्काल गिरफ्तार करते हुए ऐसे तत्वों के विरूद्ध एन0एस0ए0 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने बेसिक शिक्षा में अभिनव प्रयोग पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने सभी अध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि एक शिक्षक के लिए अनुशासित जीवन होना काफी आवश्यक है, तभी वह एक अच्छा शिक्षक बन सकता है। एक शिक्षक कच्चे
ज्ञातव्य है कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 68,500 रिक्त पदों पर चयन हेतु सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2018 का आयोजन कराया गया, जिसमें 41,556 अभ्यर्थी सफल हुए। राज्य मंत्री बेसिक शिक्षा श्री संदीप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।