नई दिल्ली: यात्री सुविधाएं प्रदान करना और साफ-सफाई की व्यवस्था करना एक निरंतर प्रक्रिया है। कोच और इसके शौचालयों को साफ सुथरा रखने का हर संभव प्रयास किया जाता है। हालांकि समय-समय पर कोच में गंदगी और शौचालय में बदबू की शिकायतें मिली हैं। जैव शौचालयों में बदबू की वजह यह है कि यात्री सही तरीके से शौचालय का इस्तेमाल नहीं करते हैं। कोचों में साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए भारतीय रेल ने कई कदम उठाए हैं। इनमें से प्रमुख हैं –
· प्रारंभ और गंतव्य दोनों ही स्टेशनों पर कोचों के साफ-सफाई की व्यवस्था।
· राजधानी, शताब्दी सहित 1000 से अधिक ट्रेनों में यात्रा के दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था (ओबीएचएस)।
· ‘मेरे कोच की सफाई’ योजना के तहत कोई भी यात्री मोबाइल एसएमएस के जरिये संदेश भेज कर साफ-सफाई का अनुरोध कर सकता है।
· ‘मेरे कोच की सफाई’ योजना को अपग्रेड करके ‘कोच मित्र’ बनाया गया है। कोच मित्र के तहत यात्री साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था, एसी की व्यवस्था, चादर-तौलिये आदि की जरूरतों से संबंधित जानकारी दे कर सकते हैं।
· एसी और शयनयान श्रेणी के कोचों में डस्टबीन की व्यवस्था की गई है।
· 210 प्रमुख ट्रेनों में साफ-सफाई की व्यवस्था का मूल्यांकन तीसरे पक्ष के द्वारा किया जा रहा है।