नई दिल्ली: इसरो के पोलर सेटेलाइट लांच व्हेकिल- पीएसएलवी-सी31 ने 1425 किलो के आईआरएनएसएस-1ई को सफलतापूर्वक लांच कर दिया। इंडियन रीजनल
नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) में यह पांचवां उपग्रह आज सुबह (20 जनवरी, 2016) एसएचएआर, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन उपग्रह केंद्र से लांच किया गया। यह पीएसएलवी का लगातार 32वां सफल मिशन है और इसके एक्सएल कॉन्फिग्यूरेशऩ का ग्यारहवां।
पहले चरण के प्रज्वलन के साथ सुबह 9.31 बजे दूसरे लांच पैड से पीएसएलवी-सी31 के ऊपर उठने के बाद होने वाली सभी गतिविधियां ठीक ढंग से हुईं। इनमें स्ट्रेप-ऑन प्रज्वलन, पहले चरण का अलगाव, दूसरे चरण का प्रज्वलन, ताप-कवच का अलगाव, दूसरे चरण का अलगाव, तीसरे चरण का प्रज्वलन और अलगाव, चौथे चरण के प्रज्वलन और उपग्रहण रोपण आदि सभी कुछ निर्धारित तरीके से हुआ। इसके बाद 18 मिनट 43 सेकेंड तक की उड़ान भरने के साथ ही आईआरएनएसएस-1ई उपग्रह 282.4 किलोमीटर गुणा 20,655.3 किलोमीटर की अंडाकार कक्षा में इक्वेटर के 19.21 डिग्री कोण पर रोपित हो गया और पीएसएलवी के चौथे चरण से सफलतापूर्वक अलग हो गया। उपग्रह के रोपित होने के बाद आईआरएनएसएस-1ई के सौर पैनल अपने-आप काम काम करने लगे। इसके बाद इसरो की मास्टर कंट्रोल फेसिलिटी (कर्नाटक के हासन) ने उपग्रह का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया।
आईआरएनएसएस-1ई इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम के उपग्रह खंड के सात उपग्रहों में से पांचवां उपग्रह है। आईआरएनएसएस-1ए, 1बी, 1सी और 1डी इस श्रृंखला के पहले चार उपग्रह थे और इन्हें क्रमशः जुलाई 02,2013, अप्रैल 04, 2014, 16 अक्टूबर 2014 और 28 मार्च 2015 को पीएसएलवी से ही सफलतापूर्वक लांच किया गया था। कक्षा में अपने निर्धारित जगह से ये सभी उपग्रह सही ढंग से काम कर रहे हैं।
आईआरएनएसएस स्वतंत्र रीजनल नेविगेशन सिस्टम है, जिसे भारतीय क्षेत्र और भारतीय जमीन से ऊपर 1500 किलोमीटर की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। आईआरएनएसएस दो तरह की सेवाएं मुहैया कराएगा। पहली स्टैंडर्ड पोजिशनिंग सर्विसेज (एसपीएस)। यह सभी यूजर को मुहैया कराई जाएगी। दूसरी रेस्ट्रेक्टिव सर्विसेज (आरएस)। यह अधिकृत यूजर को मुहैया कराई जाएगी।
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