नई दिल्ली: इसरो के पोलर उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी 37 ने अपनी 39वीं उड़ान में आज प्रात: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 103 सहयात्री उपग्रहों सहित 114 किलो कार्टोसेट-2 सीरीज के उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह पीएसएलवी का लगातार 38वां सफल मिशन है। पीएसएलवी-सी 37 ऑनबोर्ड पर ले जाये गये सभी 114 उपग्रहों का कुल भार 1378 किलोग्राम था।
पीएसएलवी ने प्रथम लांच पैड से योजना के अनुसार प्रात: 9:28 बजे (आईएसटी) उड़ान शुरू की। 16 मिनट और 48 सैकंड की उड़ान के बाद उपग्रहों ने ध्रुव की ओर 97.46 डिग्री के कोण पर झुके ध्रुवीय सूर्य समकालीन कक्षाओं को प्राप्त कर लिया और बाद के 12 मिनट के समय में सभी 104 उपग्रह सफलतापूर्वक पूर्व निर्धारित क्रम में पीएसएलवी चौथे चरण से सफलतापूर्वक अलग-अलग हो गये। शुरुआत कार्टोसेट-2 सीरीज के उपग्रह से हुई उसके बाद आईएनएस-1 और आईएनएस-2 अलग हुये। पीएसएलवी द्वारा छोड़े गये भारतीय उपग्रहों की संख्या अब 46 हो गई है।
बिलगन के बाद कार्टोसेट-2 सीरीज के 2 सौर सारणी स्वचालित रूप से तैनात हो गई और इसरो के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) ने उपग्रह का नियंत्रण संभाल लिया। आने वाले दिनों में यह उपग्रह अंतिम परिचालन विन्यास में लाया जायेगा। उसके बाद यह अपने पेन्क्रोमेटिक (ब्लैक एंड व्हाइट) और मल्टी स्पेक्ट्रल (रंगीन) कैमरों का उपयोग करके रिमोट सेंसिंग सेवाएं उपलब्ध कराना शुरू कर देगा।
पीएसएलवी-सी 37 द्वारा ले जाये गये 103 सहयात्री उपग्रहों में 2-इसरो नैनो सैटेलाइट-1 (आईएनएस-1) वजन 8.4 किलो और (आईएनएस-2) वजन 9.7 किलोग्राम भारत के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह हैं। बकाया 101 सहयात्री सैटेलाइट उपग्रहों में से अमेरिका के 96 अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक उपग्रह हैं। इसके अलावा नीदरलैंड, स्विटजरलैंड, इजरायल, कजाखस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक उपग्रह शामिल हैं। आज के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत के वर्कहॉर्स प्रक्षेपण यान पीएसएलवी द्वारा छोड़े गये विदेशी ग्राहक उपग्रहों की कुल संख्या बढ़कर 180 तक पहुंच गई है।