देहरादून: एक स्थानीय होटल में फेडरेशन आॅफ पीटीआई एम्प्लाॅइज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता के लिए विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व मीडिया के सेल्फ रेगुलेशन की आवश्यकता है।
राज्य व देश के प्रति हम सभी को अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी और उसी के अनुरूप अपनी कमियों को स्वतः दूर करना चाहिए। प्रदेश में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करवाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश दुनिया के पर्यावरण में उŸाराखण्ड अहम योगदान दे रहा है। 65 फीसदी फोरेस्ट कवर के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए हमेशा अग्रणी रहे उŸाराखण्ड को बहुत से लोग धर्म, पर्यावरण के नाम पर सीख देते हैं और यहां अनेक प्रकार के बैन लगाने की मांग करते हैं। राज्य में क्या-क्या नहीं किया जाए इसके बारे में विस्तार से कहा जाता है परंतु प्रदेश के विकास व आर्थिकी के लिए क्या किया जाए, इस पर मौन साध जाते हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उŸाराखण्ड को पर्यावरण की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से सहायता उपलब्ध करवाने की बजाय इसे प्राप्त विशेष राज्य के स्तर को भी समाप्त कर दिया गया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास में पब्लिक पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जा रहा है। उŸाराखण्ड में हर संस्थान बिल्डिंग प्रोसेस में हैं। हमारी प्राथमिकताएं स्पष्ट होनी चाहिए कि देश व राज्य को किस तरफ ले जाना है। समय के साथ सिस्टम में बदलाव स्वाभाविक होता है परंतु सिस्टम के मूलभूत आधार नहीं बदले जाने चाहिए।