लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गोरखपुर मण्डल के सभी जनपदों में एल-2 एवं एल-3 कोविड अस्पतालों में पर्याप्त बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था करते हुए चिकित्सा कर्मियों का प्रशिक्षण अवश्य कराया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि अस्पतालों में उपलब्ध ‘108’ एम्बुलेंस की कुल संख्या में से 50 प्रतिशत एम्बुलेन्स कोविड मरीजों हेतु संचालित की जाएं। इन एम्बुलेन्स का उपयोग अन्य कार्य के लिए न किया जाए। कोविड से बचाव हेतु सतर्कता आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी आज गोरखपुर मण्डल में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के उपायों, उपचार तथा वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा बाबा राघवदास मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में रैपिड एण्टीजन टेस्ट एवं आर0टी0पी0सी0आर0 की जांच निःशुल्क होती है। इसमें अगर कहीं भी कोई शिकायत मिलती है तो सम्बंधित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। प्राइवेट अस्पतालों में टेस्टिंग रेट निर्धारित किये जाएं। यदि निर्धारित रेट से अधिक किसी प्राइवेट अस्पताल में धनराशि ली जाती है, तो सम्बंधित अस्पताल के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक आदि प्रदेशों में कोरोना संक्रमण ज्यादा है। वहां से आने वाले लोगों का रेलवे स्टेशन तथा एयरपोर्ट पर कोविड टेस्ट अवश्य कराया जाए। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक ग्राम पंचायत तथा वाॅर्ड में निगरानी समिति गठित कर उसे क्रियाशील किया जाए। इन्हें इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर से जोड़ा जाए। निगरानी समितियों से निरन्तर संवाद स्थापित किया जाए। इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर मंेे स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी तैनात किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग ज्यादा से ज्यादा की जाए। किसी भी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए हुए कम से कम 30 लोगों को टेªस करते हुए इनका शत-प्रतिशत कोविड टेस्ट किया जाए। आर0टी0पी0सी0आर0 टेस्टिंग का प्रतिशत बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में डेडीकेटेड अस्पताल होने चाहिए। कोविड अस्पताल में सी0सी0टी0वी0 कैमरा अवश्य हो, ताकि गतिविधियों एवं व्यवस्थाओं की निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आॅक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए, इसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो। मास्क की अनिवार्यता सुनिश्चित हो और पब्लिक प्लेस पर भीड़ न हो। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु पब्लिक एड्रेस सिस्टम को और प्रभावी किया जाए। इम्फोर्समेन्ट की कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि कोई कार्यक्रम खुले स्थान में आयोजित किया जाता है तो वहां 200 तथा बन्द स्थान में 100 से अधिक की पब्लिक गैदरिंग न हो तथा सभी लोग अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा व्यापक पैमाने पर स्वच्छता कार्यक्रम चलाने के साथ ही, उसकी समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि जिस गांव में एक भी कोविड केस मिले उस पूरे गांव को सैनिटाइज किया जाये और जिस जनपद में कोरोना के 500 से ज्यादा एक्टिव केस हांे, वहां कोरोना कर्फ्यू लगाया जाए। शादी विवाह के कार्यक्रम रात्रि 10 बजे तक सीमित किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 11 से 14 अप्रैल तक प्रदेश में ‘विशेष टीका उत्सव’ मनाया जायेगा। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित की जाएं। इस आयोजन में मास्क के अनिवार्य उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। भीड़ एकत्र न होने दी जाए। उन्होंने कहा कि लक्षित आयु वर्ग के अधिक से अधिक लोंगो का वैक्सिनेशन किया जाए। वैक्सीन की वेस्टेज को हर हाल में रोका जाए। सभी सरकारी कार्यालयों, प्राइवेट कार्यालयों, औद्योगिक संस्थानों आदि मंे कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करते हुए वहां सैनिटाइजर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स आॅक्सीमीटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री जी ने कहा की कोविड-19 के नियंत्रण हेतु किये जा रहे प्रयासों के साथ ही जे0ई0/ए0ई0एस0 के नियंत्रण हेतु भी तैयारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी ई0टी0सी0 को क्रियाशील किया जाए। इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण हेतु गठित अन्तर्विभागीय समन्वय समिति के विभागीय अधिकारी अपने-अपने दायित्वों का समयबद्ध निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाये क्योंकि गंदगी ही इन बीमारियों की जननी है। ए0ई0एस0 एक जल जनित बीमारी है। इसके दृष्टिगत स्वच्छ पेयजल तथा स्वच्छता आदि से जुड़े कार्यक्रमों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से संचालित करते हुए प्रभावी बनाया जाए।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त श्री जयंत नार्लिकर ने मण्डल में कोविड-19 के नियंत्रण हेतु किये जा रहे प्रयासांे/उपायों का जनपदवार प्रस्तुतिकरण करते हुए बताया कि मण्डल में आर0आर0टी0 एक्टिव की गयी है। कन्टेनमेंट एक्टीविटी पर गुणात्मक कार्यवाही की जा रही है। निगरानी समितियां क्रियाशील हंै। कोविड टीकाकरण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। कोविड हेल्प डेस्क बनाये गये हैं। मण्डल में एम्बुलेंस की पर्याप्त उपलब्धता है। जिलाधिकारी गोरखपुर श्री के0 विजयेन्द्र पाण्डियन ने कोविड-19 के नियंत्रण हेतु किये जा रहे उपायों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में 150 कर्मचारी तैनात हंै, जो तीन शिफ्ट में कार्य कर रहे हैं। कोविड वैक्सिनेशन प्रगति पर है। कोरोना से बचाव संबंधी कार्यवाही की जा रही है।