नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक अदालत में कल धारा 138, एनआई अधिनियम, वसूली मुकदमे आदि के तहत करीब 200 करोड़ रुपए के बैंक मामलों से संबंधित मुद्दे सुलझाए। कुल मिलाकर देश भर में 63 हजार मामले सुलझाए गए, जिनमें से 26 हजार मामले लंबित और 37 हजार मुकदमे से पहले के थे। राष्ट्रीय लोक अदालतें पिछले कुछ महीनों से विशेष विषय से संबंधित मुद्दों पर प्रत्येक दूसरे शनिवार को आयोजित की जा रही है। महामहिम जस्टिस श्री टी. एस. ठाकुर, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, एनएएलएसए तथा महामहिम जस्टिस एच. एल. दत्तू, मुख्य न्यायाधीश और पेट्रन-इन-चीफ, एनएएलएसए के निर्देशों के तहत इस उद्देश्य के लिए यह कैलेण्डर तैयार किया गया है।
इन राष्ट्रीय लोक अदालतों में मुकदमें के पहले के मामलों और न्यायालयों में लंबित मामलों को सुलझाया जाता है। इसका उद्देश्य संभावित समाधान निकालकर लंबित मामलों को कम करना है ताकि न्यायालयों में अतिरिक्त मुकदमेबाजी से बचा जा सके। राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए जनता का ध्यान प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान तरीकों पर भी गया। सुलझा लिए गए मामलों में आगे न्यायालय में याचिका नहीं डाली जाएगी इसलिए न्यायिक प्रणाली पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। दूसरी ओर, मुकदमे से पहले ही समाधान का मतलब है कि कई मामले न्यायालय तक नहीं पहुंचेंगे।