लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर के भ्रमण कार्यक्रम के दौरान एनेक्सी सभागार में जनपद के विकास कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने विकास कार्यों से सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करें तथा कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जब निरन्तर सहयोग प्रदान कर रही है तो कार्यों में विलम्ब होना कदापि क्षम्य नहीं है। विकास योजना का लाभ जनता को मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कार्य मानक के विपरीत पाया जाता है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एम्स के शत प्रतिशत निर्माण कार्यों को मैनपावर बढ़ाकर प्रत्येक दशा में अक्टबूर माह में पूर्ण कर लिया जाये। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 18 अक्टूबर को एम्स का लोकार्पण संभावित है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि फर्टिलाइजर कारखाने के सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाये।
मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड वैक्सीनेशन की सेकेण्ड डोज लगाने के कार्य में तेजी लाई जाये। स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया जाये। उन्होंने महानगर में जल-जमाव की समस्या का स्थायी समाधान करने के निर्देश देते हुए कहा कि जल निकासी की तात्कालिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। मुख्य सड़कों के किनारे जल-जमाव की समस्या भी दूर की जाए। उन्होंने गोरखपुर-वाराणसी मार्ग के निर्माण कार्य में मैनपावर बढ़ाकर तेजी लाने के निर्देश दिये। सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के कार्य की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि प्राथमिकता के आधार पर सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आॅपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में हो रहे निर्माण कार्यों को समय से पूरा कराया जाए तथा विद्यालयों में सभी बच्चों को पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करायी जाएं। सभी विद्यालयों में शिक्षक नियमित रूप से उपस्थित हों। उन्होंने सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तहसील तथा थाना स्तर पर जन सुनवाई को प्रभावी बनाया जाये। अधिकारीगण संवेदनशील होकर जन सुनवाई करें और समस्याओं का त्वरित निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि यदि प्राथमिक स्तर पर ही जन समस्याओं का समाधान कर दिया जाये तो फरियादी को उच्च स्तर पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तहसील स्तर पर जो लेखपाल समय से रिपोर्ट/आख्या प्रस्तुत नहीं करते, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। जन समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इस अवसर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।