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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की पूंजी की आवश्यकता के आकलन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों से वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय में प्रस्तुतियां देने का अनुरोध

देश-विदेश

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की पूंजी की आवश्यकता के आकलन  के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के  सभी बैंकों से वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय में प्रस्तुतियां देने का अनुरोध किया गया है। श्री जयंत सिन्हा, राज्य मंत्री (वित्त) और सचिव,वित्तीय सेवा इन प्रस्तुतियों के दौरान उपस्थित होंगे। प्रस्तुतियों के लिए कार्यक्रम इस प्रकार है:

बैठक की स्थान बैंकों के नाम  तारिख
 

दिल्ली

यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ­ ऑफ इंड़िया और इलाहाबाद बैंक 12.6.2015
पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स। 18.6.2015
मुंबई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 24.6.2015
बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र 25.6.2015
बेंगलुरु आंध्रा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक और विजया बैंक। 3.7.2015

    इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन की तिमाही समीक्षा के दौरान यह 11 मार्च, 2015  को यह चर्चा की गई कि बैंकों को स्वयं अपने संसाधनों का पता लगा कर पूंजी जुटाने और बाजार से पूंजी जुटाने के लिए योजना पर काम करना चाहिए। बैंक की एक बोर्ड द्वारा मान्य पूंजी वृद्धि रणनीति की एक बेस लाइन होनी चाहिए। पूंजी में  इक्विटी, गैर-इक्विटी तथा अन्य बाते शामिल हो। पूंजी की आवश्यकता मौजूदा व्यवसाय में वृद्धि तथा नई ऋण आवश्यकता पूरा करने के लिए हो सकती है। बैंकों को अधिक उत्पादक तरीके से पूंजी का उपयोग करना चाहिए। बैंकों को अपने पूंजी आधार के अनुसार ही काम कर चाहिए। वे आला बाजार में जा सकते हैं। वे अपने नॉन-कोर कारोबार भी की संभावना का पता लगा सकते हैं।

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