नई दिल्ली: नागरिक केन्द्रित शासन का एक प्रमुख पहलू शिकायत निपटान है और यह आयकर विभाग की गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण अंग है। 25-26 मई, 2015 को वरिष्ठ अधिकारियों के वार्षिक महासम्मेलन के दौरान जारी की गई आयकर विभाग की केन्द्रीय कार्ययोजना 2015-16 में विभाग के लिए महत्वपूर्ण परिणामोन्मुखी क्षेत्र के रूप में सेवा आपूर्ति और समय पर शिकायत निपटान पर जोर दिया गया।
आयकर विभाग केन्द्रिकृत जनशिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस), आयकर सेवा केन्द्र (एएसके), केन्द्रीय संसाधन केन्द्र (सीपीसी) के जरिए ऑनलाइन शिकायत निपटान आदि सहित बहु-स्तरीय शिकायत निपटान प्रक्रिया से शिकायतों का निपटान कर रहा है। हाल ही में सरकार द्वारा शिकायत निपटान की स्थिति और वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही की समाप्ति पर उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई थी।
सीपीजीआरएएमएस के जरिए मिली शिकायतों के निपटान की स्थिति में सुधार हुआ है। 01.04.2014 से 22.07.2015 तक भारत सरकार के जन शिकायत पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों में से 85 प्रतिशत शिकायतों का निपटान किया गया।
नागरिक चार्टर में चिन्हित करदाताओं को सेवाएं देने में सुविधाएं प्रदान करने के लिये विभाग ने देश भर 250 एएसके केन्द्र स्थापित किए हैं। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 58 अतिरिक्त एएसके स्थापित करने के लिए खाका तैयार है। विभाग एएसके केन्द्र के जरिए सेवा आपूर्ति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अंत में विभाग ने एएसके केन्द्रों में कार्यरत अधिकारियों की कार्यावधि की निश्चितता के साथ उन अधिकारियों के लिए उचित प्रशिक्षण और पुनश्चर्या कार्यक्रम बढ़ाने का फैसला किया है।
संशोधन आवेदनों के निपटान की भी समीक्षा की गई, जिसमें लंबित मामलों की संख्या काफी अधिक थी। वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत तक विभाग को प्राप्त हुए संशोधन आवेदनों में से 65 प्रतिशत मामले निपटा लिए गए हैं। विभाग संशोधन आवेदनों के निपटान में लगने वाले समय को कम करने के लिए प्रणाली में सुधार कर रहा है। विभाग समय पर बेहतर आयदाता सेवाओं की आपूर्ति और शिकायतों के समयबद्ध निपटान के लिए प्रतिबद्ध है। समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी।