27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

महिलाओं के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों में दण्ड प्रक्रिया संहिता की संशोधित प्राविधानों का सम्यक रूप से समावेश किये जाने के निर्देश

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: श्री अरविन्द कुमार जैन, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा महिलाओं के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों में दण्ड प्रक्रिया संहिता के संशोधित प्राविधानों का सम्यक रूप से समावेश किये जाने के निर्देश दिये गये हैं ।

पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, समस्त परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक, समस्त जोनल पुलिस महानिरीक्षक, उ0प्र0 को परिपत्र के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि प्रदेश में महिलाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों में त्वरित एवं समग्र विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। महिलाओं के साथ घटित होने वाली घटनाओं की तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करते हुए विधिक कार्यवाही की जाये। जिसके कारण पुलिस को अनावश्यक रूप से न्याय पालिका एवं मीडिया में आलोचनाओं का सामना न करना पड़े।
महिलाओं के साथ घटित होने वाले अपराध-बलात्कार, छेड़खानी आदि की घटनाएं अत्यन्त निन्दनीय हैं, विशेष रूप से नाबालिग बच्चियों के साथ घटित होने वाली घटनाएं अत्यन्त चिन्ता का विषय हैं, ऐसे अपराधों की रोकथाम हेतु महिलाओं द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्रों/मौखिक सूचना पर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के अन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित किया जाये। दं0प्र0सं0 1973 में महत्वपूर्ण संशोधन किये गये हैं जो निम्नवत् हैंः-
धारा 154 दं0प्र0सं0 के अन्तर्गत यदि किसी महिला के साथ एसिड एटैक, छेड़खानी, बलात्कार और 509 भादवि के अपराध की सूचना दी जाती है तो उसके बयान को एफआईआर में महिला पुलिस अधिकारी द्वारा अभिलिखित किया जायेगा तथा उसकी वीडियोग्राफी भी करायी जायेगी ।
धारा 161 दं0प्र0सं0 के अन्तर्गत छेड़खानी व बलात्कार के प्रकरणों में विवेचना के दौरान उसका बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा लिया जायेगा । धारा 166 भादवि की उपधारा 166ए भादवि के अन्तर्गत पुलिस अधिकारी द्वारा धारा 354 एवं धारा 376 भादवि व उसके अन्तर्गत उपधारा की सूचना मिलने पर हीलाहवाली करने पर उसके विरूद्ध धारा 166क के अन्तर्गत दण्डित करने का प्राविधान है ।
महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया निम्नवत् है:-
प्रत्येक पुलिस थाने पर एक महिला पुलिस अधिकारी/कर्मी की उपलब्धता अनिवार्य होगी । महिला संबंधी किसी भी अपराध की सूचना मिलने पर थाने का दिवसाधिकारी थाने पर उपलब्ध महिला पुलिस अधिकारी को सूचित करेगा । इस महिला पुलिस अधिकारी का प्रथम दायित्व होगा कि वह पीडि़त महिला व उसके परिवार को सान्त्वना व ढांढस देकर शांत करें ।
अभियोग के पंजीकरण हेतु सूचना का अभिलेखीकरण दं0प्र0सं0 के संशोधन के अन्तर्गत महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ही किया जायेगा । पीडि़त महिला यदि शारीरिक व मानसिक रूप से विकलांग है तो सूचना का अभिलेखीकरण पीडि़ता के घर पर जाकर उसके चयनित स्थान पर अनुवाद या विशिष्ट शिक्षक की मौजूदगी में किया जायेगा । पीडि़त महिला का बयान धारा 164 दं0प्र0सं0 के अन्तर्गत न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष तत्काल कराया जाये । अभियुक्त को कार्यवाही शिनाख्त के अतिरिक्त पीडि़ता के समक्ष न लाया जाये। अभियुक्तगणों की समीक्षा कर उनकी हिस्ट्रीशीट खोलकर निगरानी की जाये।
पुलिस महानिदेशक द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक जनपद में एक कार्यशाला के माध्यम से समस्त अधीनस्थों को जानकारी दी जाये ।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More