19 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पंजाब की नई पोषक समृद्ध फसल और सब्जी की किस्में देश की पोषण आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं

देश-विदेश

भारत का अन्न भंडार, पंजाब फसल और सब्जियों की बेहतर किस्मों की सुगंध के साथ आया है, जो पोषक तत्वों से भरपूर हैं और भारत की आबादी की पोषण आवश्यकताओं में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

कम पॉलीफेनोल्स और उत्कृष्ट प्रसंस्करण गुणों के साथ ‘पीएयू 1 चपाती’ को व्यावसायीकरण के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है, जबकि गेहूं की किस्मों में उच्च अनाज प्रोटीन, उच्च जस्ता, कम फाइटेट्स (रासायनिक समूह जो सूक्ष्म पोषक तत्वों और प्रोटीन की जैव उपलब्धता को कम करता है) और उच्च कैरोटीनॉयड विकसित किए गए हैं। ।

इसके अलावा, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने उत्पादकों को पंजाब सोना और पंजाब केसर नाम की कैरोटीन समृद्ध चेरी टमाटर की दो किस्में और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ एंथोसायनिन समृद्ध बैंगन की दो किस्में पंजाब रौनक और पंजाब भरपूर पेश की हैं। ये घर/छत/ शहरी बागवानी के लिए भी उपयुक्त हैं। किफायती, पोषक तत्वों से भरपूर होम गार्डनिंग पॉट मिश्रण 40-50% उच्च उत्पादकता प्रदान करने के साथ-साथ उपयुक्त रूप से डिज़ाइन किए गए बर्तन और पॉट प्रॉप भी विकसित किए गए हैं।

पीएयू ने उच्च अनाज प्रोटीन के साथ वाइल्‍ड राइसकी वृद्धि और बढ़े हुए पोषक मूल्‍य के साथ चावल उगाने के लिए उच्च लौह सामग्री के साथ आनुवंशिक स्टॉक की पहचान की है। काबुली चने के अंतर-विशिष्ट क्रॉस में उच्च अनाज आयरन और जस्ता लाइनों की पहचान की गई है।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए विश्वविद्यालय अनुसंधान और वैज्ञानिक उत्कृष्टता (पीयूआरएसई) अनुदान को बढ़ावा देने से किस्मों और आनुवंशिक स्‍टॉक को विकसित किया गया है। किस्मों के अलावा, अनाज, दालों और सब्जियों की पोषण संवर्धित किस्मों के मूल्य वर्धित उत्पादों की एक संख्या संभावित है।

चावल के पौधे के हॉपर, कपास व्हाइटफ्लाई और ओकरा माइट्स में कीटनाशक प्रतिरोध और उनके दोबारा उत्‍पन्न होने का आकलन करने के लिए रिपोर्ट तैयार की गई हैं। आलू पपड़ी, चावल म्यान ब्लाइट और गेहूं के पीले जंग की रोगज़नक़ आबादी में रोगज़नक़ गतिशीलता और आणविक स्तर परिवर्तनशीलता का अध्ययन किया गया है और इन रोगों के प्रबंधन के लिए प्रतिरोध प्रजनन आधारित रणनीति को मजबूत किया है। कीट प्रबंधन के लिए पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण के अलावा, कुशल चावल पुआल प्रबंधन पर शोध, कार्बन अनुक्रम के माध्यम से मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करना है।

दो चरणों में पीएयूको स्वीकृत पीयूआरएसई अनुदान ने विश्वविद्यालय को बड़ी संख्या में प्रमुख शोध सुविधाओं और चालीस छात्रों द्वारा समर्थित अनुसंधान की स्थापना में मदद की है। पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रशंसात्‍मक उल्‍लेख में 2.4 गुना वृद्धि के साथ प्रकाशन बढ़ा है और सहयोगी संकायों के ‘एच-इंडेक्स’ में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

परियोजना का पहला चरण “जलवायु परिवर्तन” पर ध्‍यान केन्द्रित करता है और कुछ चुनी हुई कृषि तथा बागवानी फसलों में अजैविक महत्‍व के लिए प्रेरित करता है। इसने बेहतर अनुकूलन के साथ किस्मों को विकसित करने के लिए गेहूं, चावल, टमाटर और काली मिर्च में फसल सुधार की रणनीति पेश की। गर्म काली मिर्च (एमएस 12) से लेकर शिमला मिर्च (रॉयल वंडर) किस्म की गर्मी सहने की शक्ति को स्थानांतरित करने के लिए एक प्रजनन कार्यक्रम भी इस चरण में शुरू किया गया जो अन्यथा गर्मी के प्रति बहुत संवेदनशील था।

Description: C:\Users\Admin\Downloads\PURSE grant pic.jpg

खेत और पीएयू में पीयूआरएसई की सहायता से विकसित फसल की किस्‍मों की तस्‍वीरें

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More