लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नये राज्य विश्वविद्यालयों के संचालन, राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण एवं उनकी स्थापना तथा निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों एवं भविष्य की चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में सभी विश्वविद्यालयों द्वारा पाठ्यक्रमों का निर्धारण किया जाना चाहिए। आवश्यकतानुसार नये विषयों का भी समावेश किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक और रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान की जाए। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार किया जाए, ताकि हमें प्रतिभावान जनशक्ति उपलब्ध हो सके। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के मद्देनजर विश्वविद्यालयों द्वारा नर्सिंग, फार्मेसी, बायो केमिस्ट्री तथा बायो टेक्नोलाॅजी के नवीन पाठ्यक्रम तैयार करने पर फोकस किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोरोना जैसी महामारियों की चुनौती से निपटा जा सके। निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए शासन द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले प्रस्तावों को आवश्यकतानुसार स्वीकृति प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रस्तुतीकरण करते हुए अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग ने अवगत कराया कि सहारनपुर, आजमगढ़ तथा अलीगढ़ में तीन नये राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की कार्यवाही तेजी से की जा रही है। उन्होंने राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण के सम्बन्ध में बताया कि इस समय राज्य में कुल 77 महाविद्यालय/संकाय निर्माणाधीन हैं। प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री नितिन रमेश गोकर्ण ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि इन विश्वविद्यालयों के भवन निर्माण की टेक्निकल बिड खोली जा चुकी हैं। इस पर इसी माह कार्य शुरू हो जाएगा।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।