नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि हमारे मेडिकल कॉलेजों की शिक्षा की गुणवत्ता भारत के स्वस्थ भविष्य का जीवन आधार है। उन्होंने उपचार करते समय रोगियों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार रखने की भी अपील की। वह आज चेन्नई में तमिलनाडु डॉ. एम जी आर चिकित्सा विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर इस अवसर पर तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सी विजया भास्कर, तमिलनाडु के मात्स्यिकी मंत्री श्री डी जयकुमार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अनिवार्य रूप से हमारे छात्रों को सर्वश्रेष्ठ अध्ययन माहौल प्रदान करना चाहिए एवं अगर हम अलग थलग रहेंगे तो कभी भी विकसित नहीं हो पाएंगे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता मुख्य रूप से स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों पर निर्भर करती है। अपनी पहली प्रोन्नति पाने से पूर्व युवा चिकित्सकों को अनिवार्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के पास वर्तमान भारतीय परिप्रेक्ष्य में कई प्रकार के अवसर सुलभ हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सकों को हमारी आबादी के लाभ के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रचलनों का अनुपालन एवं अंगीकरण करना चाहिए।