नई दिल्लीः केंद्रीय विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर.के. सिंह ने कहा है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश तेजी से प्रगति कर रहा है और सरकार वर्ष 2022 तक 1,75,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा- “अक्षय ऊर्जा ‘विकास व पर्यावरण’ के बीच संतुलन साधने का एक उत्तम जरिया है और हमारी सरकार भावी पीढ़ियों को एक स्वच्छ पर्यावरण और बेहतर दुनिया सौंपने की दिशा में कार्य कर रही है।”
नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय कार्य निष्पादन में निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कई आशाजनक नतीजों के साथ महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की गई हैं।
मंत्रालय के अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र से जुड़े अगामी लक्ष्य और कार्यान्वित कार्यों से जुड़ी उपलब्धियों का सूक्ष्म ब्यौरा इस प्रकार हैं-
- मंत्रालय का लक्ष्य वर्ष 2022 तक अक्षय ऊर्जा की 1,75,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता की संस्थापना करने का है।
- मंत्रालय ने लगभग 70,000 मेगावाट क्षमता की संस्थापना की है और दिनांक 31 मार्च 2018 तक 38,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता कार्यान्वित की जा रही थी। इस प्रकार विगत वर्ष के अंत तक 1,08,000 मेगावाट क्षमता की या तो संस्थापना की गई या कार्यान्वयन की प्रक्रिया के अधीन थी।
- अक्षय ऊर्जा की संस्थापित क्षमता 4 वर्ष पूर्व विद्यमान क्षमता की दुगुनी से अधिक वृद्धि के साथ लगभग 70 गीगावाट है।
- वर्ष 2017-18 में 11,788 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई है जोकि किसी एक वर्ष में जोड़ी गई सर्वाधिक क्षमता है।
- विगत वर्ष में सौर तथा पवन विद्युत की 32,500 मेगावाट क्षमता की बोली जारी की गई। यह वर्ष 2013-14 में कमीशन की गई क्षमता की लगभग 10 गुनी है।
- पारदर्शी बोलियों के माध्यम से विगत वर्ष में पवन विद्युत के लिए 2.43 रु. और सौर विद्युत के लिए 2.44 रु. की न्यूनतम शुल्क दर निर्धारित की गई।
- वर्ष 2017-18 में पहली बार 100 बिलियन यूनिट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन हुआ जोकि एक वर्ष में किया गया सर्वाधिक उत्पादन था।
- वर्ष के दौरान 12.5 गीगावाट की संचयी पवन विद्युत क्षमता संस्थापित की गई/ संस्थापन के लिए बोली जारी की गई जबकि विगत वर्ष 5.5 गीगावाट क्षमता की संस्थापना की गई थी।
- लगभग 22 गीगावाट सौर विद्युत क्षमता उत्पादित की है जो वर्ष 2022 तक प्राप्त किए जाने हेतु वर्ष 2010 में निर्धारित की गई क्षमता से अधिक है।
- विगत वर्ष 56,000 सौर विद्युत पम्पों की संस्थापना की गई जो अब तक किसी एक वर्ष में संस्थापित की गई सर्वाधिक संख्या है।