21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राधामोहन सिंह ने किसानों की मदद की कोशिशें जारी रखने के लिए नेफेड के प्रबंधन से मुलाकात की और पहले से अधिक पारदर्शी व्यवस्था प्रस्तुत की

कृषि संबंधितदेश-विदेश

नई दिल्लीः हाल तक वित्तीय संकट और बैंक कर्ज में डूबे भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहयोग विपणन संघ (नेफेड) ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए रिकार्ड लाभ के साथ प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। इससे नेफेड एक ही बार में 478 करोड़ रुपये के भुगतान के समझौते का एक अंश पूरा करते हुए कर्जदाता बैंक को नकद भुगतान के रूप में 220 करोड़ रुपये देने में सक्षम हुआ है।

नेफेड ने 27 मार्च, 2018 को नई दिल्ली में अपने मुख्यालय में ऋण निपटान बंधक पत्र  पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने सभी आठ ऋणदाता बैंकों का प्रतिनिधित्व किया। करीब बंद होने की कगार पर पहुंचने के बाद शुरूआत करते हुए आज रिकार्ड लाभ दर्ज करने के साथ ही कर्जदाता बैंकों और अन्य उच्च मूल्य लेनदारों की देनदारी पूरा करने की विकट वित्तीय संकट की नेफेड की यह यात्रा काफी कठिन रही है। नेफेड के वित्तीय पुनर्जीवन के लिए कई प्रयास और योजनाएं तैयार की गईं, जिनकी भूमिका तिलहन, दलहन और कोपरा के मूल्य समर्थन योजना को लागू करने और खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतें नियमित करने में अहम रही हैं। अंत में 27 जनवरी, 2016 को एक बार में भुगतान का समझौता हुआ जिसका लाभ आज दिख रहा है।

नेफेड ने माननीय प्रधानमंत्री, केन्द्रीय कृषि मंत्री, भारत सरकार के विभिन्न विभागों,  ऋणदाता बैंकों और राज्य सरकारों को उनके दिए समर्थन के लिए धन्यवाद प्रकट करने के वास्ते कल शाम अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, 15, जनपथ, नई दिल्ली में एक थैंक गिविंग कार्यक्रम आयोजित किया था।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्रियों श्री पुरुषोत्तम रुपला और श्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे। इस मौके पर केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं, राज्य सहकारी संस्थाओं, बैंकों, नीति आयोग के के वरिष्ठ अधिकारी और नेफेड के निदेशक मंडल के सदस्यों, पूर्व प्रबंध निदेशक, संघ के सेवानिवृत्त कर्मचारी आदि भी मौजूद थे।

इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि श्री राधा मोहन सिंह ने एक बार भुगतान करने के लिए नेफेड और ऋणदाता बैंकों को बधाई दी। श्री सिंह ने सरकार की मूल्‍य समर्थन योजना के अंतर्गत दालों और तिलहनों की रिकॉर्ड खरीद के लिए फेडरेशन के प्रयासों, साथ ही फेडरेशन के लिए पर्याप्‍त व्‍यावसायिक आय और किसानों को सेवा की सराहना की और नेफेड के प्रबंधन का आह्वान किया कि वह किसानों की सेवा के लिए अपने प्रयास जारी रखे। साथ ही खरीद के लिए पारदार्शी तंत्र की शुरुआत करे तथा सरकार की ओर से खरीदे जाने वाले जिन्‍सों का निपटारा करे।

      फेडरेशन के सामने उत्‍पन्‍न संकट को याद करते हुए केन्‍द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि नेफेड ने उचित सुरक्षा के बिना वर्ष 2003-07 के दौरान निजी पक्षों को वित्‍तीय सहायता प्रदान की। इन निजी पक्षों ने नेफेड को कभी भी यह धनराशि नहीं लौटाई, जिसके कारण बैंकों पर बकाया हो गया। श्री सिंह ने कहा कि सामान्‍य कर्जदाता को निजी ऋण देने से पहले उसे अनेक जांचों और मूल्‍यांकनों से गुजरना पड़ता है, लेकिन यहां इस मामले में किसी भी प्रकार के वित्‍तीय नियमों और नियामकों का पालन नहीं किया गया। श्री सिंह ने वर्तमान प्रबंधक को सजग किया कि वे अपना कामकाज करते समय सावधानी बरतें, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यदि फेडरेशन के कामकाज और उसके ऊपर बोझ में पारदर्शिता नहीं होगी, तो फेडरेशन को दूसरा अवसर नहीं मिलेगा। उन्‍होंने प्रबंधकों से कहा कि वे पेशवरों को रखें, क्‍योंकि वे फेडरेशन को सही मार्गदर्शन देंगे और उसे अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

      यूपीए शासन की आलोचना करते हुए श्री सिंह ने कहा कि पिछली सरकार किसान विरोधी नीतिगत फैसले करके इस संगठन को बंद करने पर आमादा थी। पीएसएस के मामले में 15 प्रतिशत नुकसान की अधिकतम सीमा आत्‍मघाती थी, क्‍योंकि निर्दिष्‍ट प्रतिशत के भीतर कोई खरीद नहीं होती। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान सरकार वास्‍तविक स्थिति के अनुसार नुकसान की भरपाई कर रही है। उन्‍होंने नेफेड की सरकारी गारंटी को कम करके 261 करोड़ रुपये करने के लिए यूपीए सरकार की आलोचना की। जबकि वर्तमान सरकार किसानों के हितों के लिए नेफेड को 42000 रुपये की गांरटी दे रही है। इससे किसानों की सेवा के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता दिखाई देती है।

     केन्‍द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने समर्पित प्रयासों के साथ इतनी प्रभावशाली कायापलट के लिए नेफेड के प्रयासों की सराहना की, जिससे किसानों के साथ्‍-साथ संगठन को भी फायदा होगा। उन्‍होंने कहा कि नेफेड नई पहलों जैसे कृषि अपशिष्‍ट प्रबंधन और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के जरिये वितरित सीएनजी/जैव ईंधन के उत्‍पादन जैसे कार्यों में काफी सक्रिय है। केन्‍द्रीय मंत्री ने हाल ही में नेफेड और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बीच समझौते पर हस्‍ताक्षर का जिक्र किया। उन्‍होंने सहकारी क्षेत्र का आह्वान किया कि वह भारत के किसानों के कौशल विकास के लिए आगे आए, जिसका भारतीय ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को फायदा मिलेगा।

नेफेड के अध्‍यक्ष श्री वी. आर. बोडा  और नेफेड के प्रबंध निदेशक श्री एस. के. चड्ढा ने उदार सहायता के लिए सरकार को धन्‍यवाद दिया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More