नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को गुरुवार को अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया जाएगा. लड़ाकू विमान राफेल भारतीय वायुसेना की क्षमता को कई गुणा बढ़ा देंगे. भारतीय वायुसेना में राफेल के औपचारिक रूप से शामिल होने पर अंबाला एयरबेस पर एक खास समारोह का आयोजन किया गया है. गुरुवार सुबह 10 बजे से होने वाले इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार शिरकत करेंगे. राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, कल सुबह 10.00 बजे राफेल विमान को औपचारिक रूप से अंबाला के वायु सेना स्टेशन में भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा. विमान 17 स्क्वाड्रन, “गोल्डन एरो” का हिस्सा होगा. राफेल जेट भारत का दो दशकों से अधिक समय में लड़ाकू विमानों का पहला बड़ा अधिग्रहण है.
At 10.00 AM tomorrow, #Rafale aircraft will be formally inducted into @IAF_MCC at the Air Force Station in Ambala. The aircraft will be part of 17 Squadron, the “Golden Arrows”. The Rafale jets are India's first major acquisition of fighter planes in more than two decades.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 9, 2020
राफेल और तेजस विमान दिखाएंगे हवाई करतब
वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कार्यक्रम को बल के इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार देते हुए कहा, ‘कार्यक्रम के दौरान राफेल विमान का औपचारिक अनावरण किया जाएगा. पारंपरिक ‘सर्वधर्म पूजा’ की जाएगी और राफेल और तेजस विमान हवाई करतब दिखाएंगे.’
राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है. वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने कहा कि राफेल विमानों को बल के 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी जाएगी. 29 जुलाई को पहली खेप के तहत पांच राफेल विमान भारत लाए गए थे. भारत ने लगभग चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था. News18