लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी के बढ़ते ग्राफ को लेकर अत्यंत गंभीर और चिंतित है। श्री गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान समूचे देश में “राइट टू एंप्लॉयमेंट” को लेकर युवक कांग्रेस और राष्ट्रीय छात्र संगठन के साथ मिलकर पार्टी स्तर पर चलाए जा रहे जनजागरण अभियान को और गति प्रदान करने का निर्देश दिया है। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मावी कला से बड़ौत,बागपत के बीच “भारत जोड़ो यात्रा” के दौरान उनसे हुई मुलाकात में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने कहा कि सबसे ज्यादा 26 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश आबादी के आधार पर बेरोजगारी में टॉप पर है और स्थिति अत्यंत विस्फोटक है। उन्होंने पार्टी स्तर पर प्रदेश में बेतहाशा बेरोजगारी को लेकर व्यापक स्तर पर युवाओं के बीच जाकर हस्ताक्षर अभियान और जन जागरण मुहिम चलाने का निर्देश दिया। ताकि योगी सरकार अपने कुंभकरण की नींद से जागे और युवाओं को रोजगार के लिए कोई गंभीर रुख और कदम उठाएं।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि इसी परिप्रेक्ष्य में युवा कांग्रेस और राष्ट्रीय छात्र संगठन “राइट टू एंप्लॉयमेंट “को मुद्दा बना कर आगामी 26 जनवरी से “हाथ से हाथ जोड़ो ” अभियान के तहत प्रदेश भर में प्रत्येक ब्लॉक और विधानसभा स्तर पर मोटरसाइकिल रैली निकालेगी। 3 चरणों में होने वाले “हाथ से हाथ जोड़ो” इस जनजागरण अभियान में कांग्रेस कार्यकर्ता युवाओं और छात्रों के बीच जाकर बेरोजगारी और महंगाई से निपटने में सरकार की नाकामियों और कमजोरियों को उजागर करेंगे।इसी के साथ कांग्रेस पार्टी व्यापक स्तर पर संगोष्ठी आयोजन और पर्चा वितरण के माध्यम से बेरोजगारी व महंगाई से निपटने के लिए पार्टी स्तर पर बनाई रणनीति पर जनसमर्थन हेतु जन जागरण अभियान चलाएगी।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने आगे कहा कि 29.72 लाख बेरोजगार भागते-भागते इतना थक गए कि रोजगार ढूंढना ही बंद कर दिया। मुख्यमंत्री योगी जी ने युवाओं से 2022 विधानसभा चुनाव से पहले 14.6% बेरोजगारी दर कम करने का दावा किया था। जबकि योगी सरकार बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए अपने किए हुए दावे से कोसों दूर है। “इन्वेस्टमेंट एक्सपो ” को लेकर लगातार भाजपा की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, परंतु धरातल में कोई भी परियोजना लोगों को रोजगार देने में सफल नहीं हो पाई। इन्वेस्टमेंट एक्सपो के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपया मीडिया प्लैनिंग मैनेजमेंट और आयोजनों पर खर्च किया जा रहा है। बेरोजगारी को लेकर योगी सरकार के सरकारी आंकड़े दावे के बिल्कुल उलट हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि लोगों को स्वावलंबी बनाने और रोजगार देने के बजाय मोदी सरकार ने देश की आबादी के 80 करोड़ लोगों को सरकारी राशन पर जीवन बसर करने के लिए मजबूर कर दिया हैं। यह मेरा आंकड़ा नहीं है “भूख और रोटी के लिए सरकारी राशन और नमक ” के नाम मजबूर आम जनमानस से भारतीय जनता पार्टी के मुखिया और प्रधानमंत्री मोदी जी वोट की अपील करते हुए चुनावी सभाओं में देश भर की मीडिया में देखे गए हैं।
यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार ने फूड सिक्योरिटी कानून,भूमि अधिकरण, अंत्योदय योजना, मनरेगा मनरेगा, इंदिरा आवास, स्वच्छ भारत अभियान, राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरण, प्रधानमंत्री सड़क योजना,आत्मनिर्भर रोजगार अभियान, किसान कर्ज राहत योजना, उत्तर प्रदेश बाल श्रमिक विद्या योजना ,मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना जैसी तमाम सारी योजनाओं देश के अपने कमजोर तबके के नागरिकों को आर्थिक और सामाजिक स्तर पर मजबूत किया, उन्हें स्वावलंबी बनाया। मोदी सरकार में “राइट टू इनफार्मेशन कानून”कमजोर कर दिया गया है ,लोगों से सूचना प्राप्त होने का अधिकार छीना जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि मोदी सरकार और बीजेपी ने कांग्रेस की मनमोहन सरकार की नीतियों और योजनाओं की रीपैकेजिंग करके उसे अपना बताया और जनता के संवैधानिक अधिकारों को छीन लिया। आर्थिक रूप से पिछड़ गए लोगों को मिलने वाली सुविधाएं और संसाधन को मोदी सरकार अब इसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं और वोट मांगने की संकीर्ण राजनीति कर रहे हैं।आज देश का चौदह करोड़ किसान कृषि संबंधी तीन कानूनों को वापस लेने और एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद को लीगल राइट घोषित करने की मांग कर रहा है। पूरे 1 साल तक जाड़ा, गर्मी बरसात उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पानी की बौछार ,अत्याचार लाठी-डंडे और कटीले तारों को झेलने के बाद आज भी अपनी मांगों और मुद्दों को लेकर मोदी सरकार से निराश और हताश है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए देश में बढ़ती बेरोजगारी से नाराज युवाओं को मनाने की इस कोशिश में भले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेक इन इंडिया के तहत नई नौकरियां देने का ऐलान कर रही हों।परंतु जमीनी हकीकत में आज देश में बेरोजगारी की रैंकिंग में 26 करोड़ आबादी वाला उत्तर प्रदेश टॉप पर है और बेरोजगारी की स्थिति विस्फोटक है। गैर-सरकारी संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के ताजा सर्वे के मुताबिक यूपी में ऐसे लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है, 29.72 लाख लोग काम करने के इच्छुक हैं, लेकिन नौकरी खोजना बंद कर चुके हैं। नोटबंदी और जीएसटी का सरकारी पक्ष कुछ भी हो ,जमीनी स्तर पर व्यवहारिक पक्ष भयावह है । सरकार के खजाना में तो इजाफा का आंकड़ा बताया जा रहा है परंतु सच्चाई यह है कि छोटे व्यापारियों की माली हालत खराब है और लघु उद्योग दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश लोगों की क्रय शक्ति लगातार कमजोर हुई है।बेरोजगारी महंगाई ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।