नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भारतीय रेलवे अपने समस्त संगठन को पूरे स्तर पर शामिल करके तीन दिवसीय (18 नवम्बर से 20 नवम्बर, 2016 तक) रेल विकास शिविर का दिल्ली के पास सूरजकुंड में एक मेगा कार्यक्रम के रूप में आयोजन कर रहा है। इस शिविर का उद्देश्य रेल क्षेत्र के सतत विकास के लिए रेलवे परिचालन के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचारी लेकिन व्यवहारिक विचारों का सृजन करना है। भारतीय रेलवे के 163 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि ऐसा कोई बुद्धिशील और नियोजक आयोजन सभी रेलवे कर्मचारियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा हो। कर्मचारियों में गैंगमैन से लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन शामिल हैं। यह शिविर इस मायने में रेलवे के अन्य सम्मेलनों से इसलिए अलग है कि यहां न केवल बाह्य वक्ता इस बात में भागीदारी कर रहे हैं कि रेलवे को क्या करना चाहिए बल्कि सभी स्तरों से संबंधित रेलवे कर्मचारियों को भी आपस में नए विचारों का योगदान देने के लिए और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस शिविर से भारतीय रेलवे के लिए यह विजन जुटाने में मदद मिलेगी कि इससे संबंधित हर कर्मचारी व्यापार, आकांक्षाओं और भारतीय रेलवे की सामाजिक प्रतिबद्धताओं को प्रतिबिंबित करेगा।
यह शिविर भारतीय रेलवे के इतिहास में महत्वपूर्ण है। इसके परिणामों से भारतीय रेलवे को कायाकल्प, परिवर्तन, आधुनिकीकरण, कार्यकुशलता और उत्पादकता के मार्ग पर तेजी से बढ़ाने में मदद मिलने की संभावना है। इस प्रकार के परिणाम पहले नहीं देखे गए हैं। ऐसा भारतीय रेलवे को विश्व स्तरीय रेलवे प्रणाली बनाने के दृष्टिकोण से किया जा रहा है।
इस शिविर का महत्वपूर्ण पल वह होगा जब जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी खुद शिविर के पहले दिन देश के आर्थिक विकास के लिए रेलवे क्षेत्र के बारे में अपने मन की बात बताने के साथ-साथ इस मेगा आयोजन के लिए एजेंडा तय करने हेतु अपने दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन देंगे। प्रधानमंत्री का संबोधन प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली और सूरजकुंड में शिविर स्थल के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। प्रधानमंत्री शिविर के समापन दिवस पर प्रतिभागियों के साथ एक विस्तृत बातचीत करने के लिए व्यक्तिगत रूप से फिर से उपस्थित रहेंगे।
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु जिन्होंने पिछले ढाई वर्षों के दौरान प्रमुख सुधार, पुनर्गठन, पहल, नवाचारों और प्रतिमान प्रणाली में सुधार किए हैं और रेलवे के बारे में प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए अपने सहयोगी रेल राज्य मंत्री एवं संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा और रेल मंत्री श्री राजेन गोहैन के साथ इस महत्वपूर्ण शिविर की अगुवाई कर रहे हैं और इस बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनेक मंत्रियों को शिविर के समापन दिवस पर आमंत्रित किया गया है। समापन दिवस पर आमंत्रित व्यक्तियों में भारत सरकार के कुछ चुनिंदा सचिवों, प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।