नई दिल्ली: अब तक यह माना जा रहा था कि मोदी सरकार इस रेल बजट में रेल यात्री किरायों में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है, लेकिन अब ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि शायद रेलमंत्री किराए में बढ़ोतरी रेल बजट की बजाय बाद में करें। हालांकि इस बात की संभावना जरूर है कि रेलमंत्री परोक्ष में सेस या फिर कोई और टैक्स लगाकर यात्रियों की जेब से कुछ पैसा निकालने की कोशिश कर सकते हैं।
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब संभवत: रेलमंत्री सरकार के बारे में पब्लिक के सेंटीमेंट को देखते हुए किरायों में बढ़ोतरी का ऐलान टाल सकते हैं। इसकी वजह यह है कि अब सिर्फ बजट के समय ही किरायों में बढ़ोतरी की परंपरा टूट चुकी है। ऐसे में हो सकता है कि किरायों में बढ़ोतरी बाद में हो। अधिकारियों का कहना है कि इस वक्त रेलवे औसतन प्रति यात्री और प्रति किमी 25 पैसे की सब्सिडी दे रहा है। रेलवे को इस मद में सालाना लगभग 25 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। ऐसे में सरकार की कोशिश होगी कि सेकंड क्लास या फिर स्लीपर क्लास में किराया न बढ़ाया जाए, उसकी जगह ऐसा कुछ किया जाए कि लोगों की जेब से पैसा भी निकल आए और यह भी संदेश जाए कि किराए में बढ़ोतरी नहीं की गई है।