देहरादून: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के लिए शेष रह गई औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक राजस्व भूमि, रेल विकास निगम
को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। रिजनल एम्पावर्ड कमेटी से वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति शीघ्र लिए जाने के प्रयास किए जाएं। सचिवालय में रेल विकास निगम के सीएमडी सतीश अग्निहोत्री के साथ कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल प्रोजेक्ट राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है। इसके लिए राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी। भूमि हस्तांतरण, वन स्वीकृति सहित सभी मामलों में अविलम्ब कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने श्री अग्निहोत्री से ऋषिकेश में एक अस्पताल की जिम्मेवारी सीएसआर के तहत लेने का अनुरोध किया।
रेल विकास निगम के सीएमडी सतीश अग्निहोत्री ने परियोजना के लिए राज्य सरकार द्वारा दिए गए सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर आवश्यक औपचारिकताओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। एक-दो मामले शेष रह गए हैं। यदि ये भी जल्द ही पूरे कर दिए जाएं तो अपे्रल माह तक कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल प्रोजेक्ट का काम वास्तविक रूप से प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
श्री अग्निहोत्री ने बताया कि चमोली, पौड़ी, रूद्रप्रयाग व टिहरी जिले की लगभग 50.3 हेक्टेयर सरकारी राजस्व भूमि, रेल विकास निगम को हस्तांतरित होनी है। इनके प्रस्ताव संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा राजस्व परिषद को भेज दिए गए हैं। लगभग 5.7 हेक्टेयर भूमि विभिन्न विभागों से भी हस्तांतरित होनी है। संबंधित जिलाधिकारियों से इनके लिए एनओसी प्राप्त होनी हैै। प्रथम फेज के लिए 64 हेक्टेयर रिजर्व फोरेस्ट भूमि का प्रस्ताव देहरादून वन प्रभाग के तहत भेजा गया है। इसकी अनुमति रिजनल एम्पावर्ड कमेटी से प्राप्त होनी है। दूसरे फेज के तहत 5 वन प्रभागों में 244 हेक्टेयर वन भूमि स्वीकृति के प्रस्ताव भी आॅन लाईन कर दिए गए हैं। क्षेत्रीय कार्यालय से प्रोजेक्ट स्वीकृति की जानी है।