लखनऊ: उत्तर प्रदेश मोदी सरकार के रेलमंत्री सुरेश प्रभु के पहले रेल बजट में काफी कम ट्रेनें मिलने की उम्मीद जताई जा रही हैं। रेल बजट वर्ष 2015-16 में रेलवे नई ट्रेनों की घोषणा में कमी कर सकता है। रेलवे जानकारों की माने तो 150 से 180 नई ट्रेनों की घोषणा रेल बजट में होती है, लेकिन इस साल रेल बजट में नई ट्रेनों की संख्या घटकर 100 के करीब पहुंच जाएगी।
भारतीय रेलवे गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है। रेल बजट में घोषित पुरानी परियोजनाएं भी अभी अधर में हैं। ऐसे में रेलमंत्री सुरेश प्रभु को काफी संतुलित रेल बजट पेश करना होगा, जिसमें रेलवे का खर्च कम करना और रेलवे को लाभ दिलाने के लिए कई लुभावनी योजनाओं की घोषणा करना शामिल है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु के ऊपर कई राज्यों में नई ट्रेन देने की डिमांड आई है।
बावजूद इसके सुधार समर्थक माने जाने वाले रेल मंत्री अपने रेल बजट में अधिक ट्रेनों की घोषणा नहीं करेंगे। वर्ष 2014-2015 में करीब 160 नई ट्रेनों की घोषणा रेल बजट में हुई थी। रेलमंत्री रेलवे को अतिरिक्त कोष जुटाने के लिए कुछ ट्रेनों की भी ब्रांडिंग कर सकते हैं, जिसमें ट्रेनों पर विज्ञापनों की ब्रांडिंग कर रेलवे के खजानें का राजस्व बढ़ाया जा सके।
रेल बजट में पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही उत्तर प्रदेश और बिहार, बंगाल, पंजाब, गुजरात को कुछ नई ट्रेनों का तोहफा मिल सकता है। रेल बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत व्यस्त स्टेशनों के पुन विकास का भी प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।
5 comments