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रेलवे द्वारा प्रस्‍तुत अवसरों और चुनौतियों के बारे में बैंकिंग समुदाय को जागरूक बनाने के लिए रेल मंत्रालय की बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थानों के साथ बैठक

देश-विदेश

नई दिल्ली: रेल मंत्रालय और इसके सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) भारतीय रेलवे वित्‍त निगम (आईआरएफसी) ने 21 जुलाई, 2015 को नई दिल्‍ली में बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थानों की एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का आयोजन देश में प्रमुख रेलवे बुनियादी ढांचे को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए रेलवे की व्‍यापक निवेश योजनाओं द्वारा प्रस्‍तुत अवसरों और चुनौतियों के बारे में बैंकिंग समुदाय को जागरूक बनाने के लिए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की पहल पर किया गया।देश के आर्थिक विकास के लिए रेलवे के बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने के महत्‍व को स्‍वीकार करते हुए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु, वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री जयंत सिन्‍हा और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. रघुराम राजन ने इस बैठक को संबोधित किया।
अपने उद्घाटन संबोधन में श्री प्रभु ने प्रणाली के आधुनिकीकरण, कठिनाइयां दूर करने और क्षमता निर्माण के लिए रेल बजट 2015-16 में उल्‍लिखित अनेक पहलों की ओर बैंकिंग और वित्‍त समुदाय का ध्‍यान आकर्षित किया। उन्‍होंने कहा कि रेलवे ने आने वाले पांच वर्षों के लिए 8.5 लाख करोड़ रुपए की महत्‍वाकांक्षी निवेश योजना तैयार की है। उन्‍होंने भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ किए गए समझौता ज्ञापन का उल्‍लेख किया है जिसमें पांच वर्षों के दौरान रेलवे की परियोजनाओं के लिए 1,50,000 करोड़ रुपए की निधि उपलब्‍ध कराने का आश्‍वासन दिया गया है। इसके बाद बैठक में रेलवे की निवेश योजनाओं के बारे में एक विस्‍तृत प्रेजेन्‍टेशन दिया गया।

वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री जयंत सिन्‍हा ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश के लिए रेल मंत्रालय की योजनाओं की सराहना करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ये परियोजनाएं बिना देरी किए शुरू करने की जरूरत है क्‍योंकि राजकोषीय संस्‍थापन और राजकोषीय विस्‍तार के दरमियान अर्थव्‍यवस्‍था बड़े अवसर की ओर अग्रसर है। उन्‍होंने वित्‍त पोषण और संरचना में नवाचार के लिए अनुरोध किया।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. रघुराम राजन ने अपने भाषण में रेलवे में लंबी अवधि के निवेशों और उचित ढांचे का सृजन करने की जरूरत की ओर इशारा किया, जो लंबी अवधि में राजनीतिक और नियामक जोखिमों का सामना करेंगे। विगत से सीख लेते हुए वित्‍तीय योजनाओं को अधिक इक्‍विटी, लचीले ऋण ढांचे उपलब्‍ध कराने होंगे और बढ़ी लागत की उचित कवरेज की अनुमति देनी होगी। उन्‍होंने बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थानों में परियोजना मूल्‍यांकन और निगरानी के लिए मजबूत तकनीकी और आर्थिक कौशल विकसित करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

प्रमुख बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थानों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में भाग लिया। रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष, वित्‍तीय आयुक्‍त और रेलवे बोर्ड के वरिष्‍ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे। रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुखों ने भी बैठक में अपनी निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

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