नई दिल्ली: भारतीय रेल का चेहरा रूपांतरित करने के लिए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेल नेटवर्क के 23 बड़े रेलवे स्टेशनों से जुड़े विश्व के सबसे बड़े स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम का पहला चरण आरंभ किया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर भी उपस्थित थे। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए. के. मित्तल, रेलवे बोर्ड के मेम्बर इंजीनियरिंग आदित्य कुमार मित्तल, रेलबे बोर्ड के मेम्बर ट्रैफिक श्री मोहम्मद जमशेद एवं बोर्ड के अन्य सदस्य तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर रेली मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि रेल के पास कुछ विशिष्ट लाभ हैं जिसमें से एक बड़े स्तर पर जमीन का स्वामित्व भी है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन एक ऐसा स्थान होता है यहां बहुत से लोग रेलगाड़ी पर चढ़ने के लिए प्रतीक्षा करते है और इसलिए रेलवे स्टेशनों को एक विशिष्ट सम्पत्ति के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रेलवे की सम्पत्तियों की एक अनूठी विशेषता होती है। उन्होंने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय रेल मंत्रालय के सहयोग से स्मार्ट स्टेशनों का विकास कर रहा है क्योंकि स्मार्ट स्टेशन एक स्मार्ट सिटी बनने की एक पूर्व शर्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में 400 ए-1 एवं ए वर्ग स्टेशनों के पुनर्विकास की परियोजना सबसे बड़ा गैर-किराया राजस्व सृजन का कार्यक्रम है जिसे संबंधित जोनल रेलवे द्वारा संचालित एक उचित बोली प्रणाली के जरिये पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 23 स्टेशनों की बोली लगाई जायेगी तथा अधिकतम उपयोग के लिए उनका पुनर्विकास किया जायेगा जिससे कि यात्रियों को एक ही स्थान पर कई सारी सुविधाएं प्राप्त हो सके। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी महाप्रबंधकों/डीआरएम को स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए सरकार के साथ सहयोग करने का भी निर्देश दिया।
रेल मंत्री एवं अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए. के. मित्तल ने कहा कि 10 वर्षों के लिए हमारे प्रयास की परिणति देखने को मिलेगी, जब हम सार्वजनिक निजी साझेदारी के जरिये पुनर्विकास के लिए स्टेशनों की पहली खेप लांच करेंगे। इस चरण के लिए इन स्टेशनों का चयन हमारे कार्यनीतिक सलाहकारों, द बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप द्वारा किये गये विस्तृत संभाव्यता अध्ययनों के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि रेलवे का लक्ष्य रेलवे की अतिरिक्त भूमि के व्यावसायिक विकास से सृजित अधिशेष राजस्व का उपयोग करते हुए रेल स्टेशनों का पुनर्विकास करना है।