14.8 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभू का “मेनलाइन, मैट्रो और हाई स्पीड ट्रांजिट सिस्टम के लिए कमांड, नियंत्रण और संचार प्रणालियों के क्षेत्र में अग्रणी” पर अंतर्राष्ट्रीय रेलवे सम्मेलन के समापन सत्र में संबोधन

देश-विदेश

नई दिल्ली: “मेनलाइन, मैट्रो और हाई स्पीड ट्रांजिट सिस्टम के लिए कमांड, नियंत्रण और संचार प्रणालियों के क्षेत्र में अग्रणी” पर दो दिन का अंतर्राष्ट्रीय रेलवे सम्मेलन आज सम्पन्न हो गया है। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभू ने समापन सत्र को संबोधित किया।

रेलवे ने भारतीय रेल सिगनल इंजीनियरिंग और दूरंसचार संस्थान (आईआरएसटीई) (भारत) तथा रेलवे सिगनल इंजीनियर संस्थान (आईआरएसई) (भारतीय सेक्शन) के सहयोग इसका आयोजन से किया था।

इस सम्मेलन की शुरूआत कल रेवले बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए के मित्तल और सदस्य (विद्युत) श्री नवीन टंडन के महत्वपूर्ण भाषण के साथ हुई थी। इस कार्यक्रम में अतिरिक्त सचिव (सिग्नल) श्री एस मनोहर, अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) श्री के एस कृष्ण कुमार, आईआरएसटीई और सीएओ/ आईआरपीएमयू के सचिव श्री कुंदन चौधरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभू ने कहा कि किसी भी परिवहन संगठन का मुख्य जोर बिना दुर्घटना के सकुशल और सुरक्षित परिवहन पर होना चाहिए। भारतीय रेल को “दुर्घटना बिना मिशन (जीरो एक्सीडेंट मिशन)” शुरू करने की आवश्यकता है। इसके लिए कम लागत की अग्रणी प्रौद्योगिकी और उचित प्रशिक्षित व्यक्तियों को शामिल कर समेकित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल में सकुशल और सुरक्षित परिचालन के वातावरण के लिए कमांड, नियंत्रण और संचार की अग्रिम प्रणालियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, ताकि मानवीय त्रुटि की स्थिती में भी दुर्घटना न हो।

मंत्री महोदय ने मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर दुर्घटनाएं रोकने के लिये आने वाली रेलगाडियों और मार्ग में रुकावट के बारे में उचित संकेत जैसी प्रौद्योगिकियां विकसित करने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि ऐसे सम्‍मेलनों में वैश्‍विक संदर्भ मानकों पर ध्‍यान केंद्रीत करना चाहिये और वैश्‍विक मानकों पर हमारी क्षमता का मूल्‍यांकन किया जाना चाहिये। भारतीय रेल के अनुकूल देश में ही कम लागत की प्रभावी प्रणालियां विकसित करने की कोशिश करनी चाहिये। उन्होंने विदेशी प्रतिनिधियों और कंपनियों से भारत में आकर सहयोग और निर्माण करने का अनुरोध भी किया। भारत में कुशल लोग, बड़ा बाजार और बड़ा निर्माण आधार है। अंतर्राष्ट्रीय खपत के अलावा ऐसे निर्माण केंद्रों के पास निर्यात की क्षमता भी होनी चाहिए।

अंत में मंत्री महोदय ने कहा कि भारतीय रेल का “जीरो एक्सीडेंट मिशन” निश्चित समयावधि में पूरा होना चाहिए।

रेल सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और लाइन क्षमता के साथ साथ रेलगाड़ियों की जानकारी देने के लिए कम लागत की कई प्रकार की प्रौद्योगिकियां हैं ताकि यात्रियों की यात्रा सुरक्षित एवं सुविधाजनक हो। सिग्नलिंग और दूरसंचार परिसम्पत्तियों के लिए आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत भारतीय रेल ने संकेत प्रणाली का केंद्रीकृत परिचालन, इलेक्ट्रानिक इंटरलोकिंग, एलईडी संकेत, एक्सल काउंटर द्वारा प्रदान ब्लॉक जैसे आधुनिक एस एण्ड टी समाधान अपनाए हैं। खतरे में संकेत पार करने (एसपीएडी) और तेज रफ्तार की घटनाओं को रोकने के लिए चयनित गलियारों पर पायलट परियोजना के रूप में यूरोपिय रेल नियंत्रण पद्धति (ईटीसीएस एल-1) पर आधारित रेल सुरक्षा एवं चेतावनी प्रणाली (टीपीडब्ल्यूएस) सफलता पूर्वक लागू की गई है और अधिक आवाजाही के उपनगरीय सेक्शनों पर भी इसे लागू करने की योजना है। भारतीय रेल स्वचालित रेल सुरक्षा के लिए कम लागत से देश में ही रेल टक्कर रोकने की प्रणाली (टीसीएस) विकसित करने की प्रक्रिया में है।

इस सम्मेलन से प्रतिभागियों, सिग्नलिंग और दूरसंचार से जुड़े लोगों सहित विभिन्न देशों के इफ्ट्रॉनिक्स, आरटी विजन, राइलेल, ह्यूवेई, टेक्नोसेटकोम, सीमन्स, थेल्स, हिताची, फ्राउशर, इएमसी जैसे औद्योगिक और अनुसंधान क्षेत्र के प्रतिनिधियों को तकनीकीयों, आवश्यकताओं तथा भविष्य की प्रणालियों की परिकल्पना के बारे में जानने का मौका मिला। 2 दिन के सम्मेलन में करीब 20 जाने माने वक्ताओं ने निम्नलिखित विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।

• मेनलाइन और मेट्रो पर संकेत प्रचलन- मेक इन इंडिया के लिए अवसर

• मेनलाइन, मेट्रो और उच्च गति प्रणालियों के लिए आधुनिक नियंत्रण, कमांड और दूर संचार प्रौद्योगिकीयां

• इटीसीएस, सीबीटीसी जैसे उन्नत स्वचलित रेल सुरक्षा प्रौद्योगिकीयां

• उच्च उपलब्धता प्रणालियां और स्मार्ट संकेत प्रणालियां

• भारतीय रेल पर केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली

• भारतीय रेल में इलेक्ट्रानिक इंटरलोकिंग अपनाने में चुनौतियां और उनके संभावित समाधान

• भारतीय रेल में रेल प्रबंधन प्रणाली

• कोलकाता मेट्रो पर सिग्नलिंग

• आधुनिक रेल आवागमन और आवागमन में सुरक्षा सुनिश्चित करना

• ज्ञान और कौशल विकास के जरिये सशक्तिकरण

सम्मेलन के दौरान नियंत्रण, कमांड और दूरसंचार क्षेत्र की भविष्य की चुनौतियों और सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकताओं, आत्मनिर्भरता और लाइन क्षमता बढ़ाने, विश्व में उपलब्ध प्रौद्योगिकीयों तथा ज्ञान और कौशल विकास के जरिये सशक्तिकरण के बारे में सामने आए परिणामों पर स्पष्ट दृष्टिकोण प्रदान किया गया।

Related posts

2 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More