देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में लैण्ड बैंक बनाने के साथ ही भूमि की बरबादी को रोकने के लिये प्रभावी पहल के निर्देश दिये है। उन्होने जमीनों के सेटलमेंट के लिये जिलाधिकारियों को सटलमेंट कमिश्नर भी नामित करने को कहा है। जिलाधिकारी जमीन संबंधी विवादों का भी प्राथमिकता से हल करे। उत्तराखण्ड डेवलपमेंट अथारिटी का कुमांऊ में भी अतिरिक्त प्रशासक का कार्यालय स्थापित किया जाय ताकि जमीनों का बेहतर उपयोग हो सके।
बुधवार को सचिवालय में रायपुर व लालकुंआ विधानसभा क्षेत्रों के लिये मार्च 2015 तक मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देहरादून में एमडीडीए जमीनो का अधिक से अधिक व्यावसायिक उपयोग करे। उन्होने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि वे भूमि चिन्हित कर एमडीडीए को उपलब्ध कराये। उन्होने कहा कि भूमि को बचाना आवश्यक हो गया है इसके लिये नदियों में हो रहे भू कटाव को रोकने के लिये भी नदियों को नार्मल धारा में लाने के लिये नदियों को चनराइज किया जाय। उन्होने सचिव सिचांई को निर्देश दिये कि वे प्रदेश की नदियो की नेचरल मेपिंग कराये।
उन्होने इंजिनियरिंग विभागो के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती तथा रिसोर्स डेवलपमेंट के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति के गठन के भी निर्देश दिये। उन्होने योजनाओं की उपयोगिता व व्यवहारिकता की दृष्टि से तकनीकि दक्षता के साथ उनके क्रियान्वयन पर भी बल दिया।
उन्होने बिन्दुखता में पशुचिकित्सालय व अतिरिक्त डिस्पेन्शरी, चैरगलिया में आईटीआई, लालकुआ में बस स्टेशन, लालकुंआ में खेल मैदान के साथ ही पर्यटन द्वार की स्थापना के क्षेत्र में विभिन्न सड़को के निर्माण व तीन स्कूलो को मान्यता प्रदान करने की स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने रायपुर क्षेत्र में एमडीडीए द्वारा निर्मित कालोनियों में ड्रेनेज, नाली व सड़क मरम्मत के कार्यो में तेजी लाने को कहा। उन्होने क्षेत्र की पेयजल समस्या के समाधान के अतिरिक्त सड़को, पुलो के निर्माण व रिस्पना, नालापानी राव, वाल्दी, दुलहनी, सौंध नदियों में बाढ़ सुरक्षा कार्यो की भी स्वीकृति प्रदान की।