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रैपिड एन्टीजन टेस्ट की संख्या को बढ़ाकर 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जाने की आवश्यकता जताई: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने रैपिड एन्टीजन टेस्ट की संख्या को बढ़ाकर 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जाने की आवश्यकता जताई है। इस हेतु टेस्टिंग क्षमता को विकसित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रति 10 दिन में 10 लाख टेस्टिंग किट प्राप्त की जाएं। उन्होंने आर0टी0पी0सी0आर0 तथा रैपिड एन्टीजन टेस्ट के द्वारा मेडिकल टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाने तथा सोमवार 27 जुलाई, 2020 तक कुल टेस्ट की संख्या को 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को आज कानपुर नगर तथा झांसी एवं कल रविवार 26 जुलाई, 2020 को प्रयागराज तथा मिर्जापुर मण्डलों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की मौके पर समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यह समीक्षा बैठक मेडिकल काॅलेज अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में आहूत की जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, डोर-टू-डोर सर्वे, संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध पाए गए लोगों का रैपिड एन्टीजन टेस्ट, एम्बुलंेस व्यवस्था, एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालय, कोविड बेड की संख्या, एल-1 अस्पताल में कुछ बेड पर आॅक्सीजन, एल-2 कोविड चिकित्सालय में प्रत्येक बेड पर आॅक्सीजन तथा कुछ बेड पर वंेटीलेटर, एल-3 कोविड अस्पताल में कोमाॅरबिडिटी वाले रोगियों के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम की उपलब्धता, मेडिकल काॅलेजों सहित सभी चिकित्सालयों में डाॅक्टरों द्वारा राउण्ड लिए जाने, होम आइसोलेशन एवं पेड आइसोलेशन की व्यवस्था की समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि इन समीक्षा बैठकों की रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाए। समीक्षा बैठक में निर्देशित बिन्दुओं पर कार्ययोजना भी तैयार की जाए। सम्बन्धित मण्डलायुक्त द्वारा अपने मण्डल के प्रत्येक जनपद में इस कार्ययोजना को लागू कराया जाए। मुख्यमंत्री जी ने इन मण्डलों में जनपदवार तैनात नोडल अधिकारियों को अपने प्रभार वाले जनपद में 5 दिन कैम्प करके इन व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित कराने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज व कल प्रदेश में संचालित किए जा रहे विशेष स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन अभियान में कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। नगर विकास, ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज विभागों द्वारा सघन रूप से स्वच्छता सम्बन्धी गतिविधियां सम्पादित की जाए। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन के साथ-साथ एन्टी लार्वा रसायनों का छिड़काव तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए। जल जमाव को दूर किया जाए। उन्हांेने कहा कि कोविड-19 तथा संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए संचालित इस अभियान को टीम भावना के साथ चलाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए कार्यों का नियोजन किया जाए। प्रत्येक उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पृथक-पृथक जिम्मेदारी सांैपी जाए। इस व्यवस्था की प्रतिदिन माॅनिटरिंग की जाए। कार्य करने के साथ-साथ डाटा फीडिंग के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई मरीज चिकित्सालयों के होल्डिंग एरिया में न रहे, उसे तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने नई एम्बुलेंस को क्रय करने तथा एन0एच0एम0 के तहत अतिरिक्त एडवांस लाइफ सपोर्ट (ए0एल0एस0) एम्बुलेंस हेतु केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने श्रमिकों/कामगारों को रोजगार प्रदान करने की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत रोजगार एवं सेवायोजन के पोर्टल की माॅनिटरिंग के लिए जनपदों में अलग से एक टीम गठित की जाए। आवश्यकतानुसार बैंकर्स के साथ बैठक की जाए। उन्होंने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त को इस कार्य का प्रभावी अनुश्रवण करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में सभी समस्याओं का त्वरित समाधान कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत चार माह के दौरान खाद्यान्न वितरण का कार्य पारदर्शी ढंग से हुआ है। आगामी चरणों में भी खाद्यान्न वितरण कार्य को इसी प्रकार बेहतर तरीके से सम्पादित किया जाए। वरिष्ठ अधिकारी वितरण कार्य की नियमित माॅनिटरिंग करें। उन्होंने सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को हर सम्भव सहायता एवं राहत उपलब्ध कराई जाए। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री का सुचारु वितरण किया जाए। पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के लिए चारे को प्रबन्ध किया जाए। ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग इन क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। आवश्यकतानुसार क्लोरीन की गोलियों का वितरण भी किया जाए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद एवं सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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