नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण 24 मार्च से जारी देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान पुलिस सामाजिक सरोकारों की मिसाल पेश कर रही है। कहीं जरूरतमंदों को खाना परोसती तो कहीं लोगों को कोविड-19 से जागरूक करती नजर आ रही है। इस बीच राजस्थान के अजमेर जिले की पुष्कर पुलिस ने लॉकडाउन के कारण अपने घर से 418 किलोमीटर दूर फंसी मां-बेटी को अपने स्तर पर कार भेजकर बचाया है।
24 मार्च को देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन
दरसअल, हुआ यूं कि पुष्कर के गंगा माई मंदिर के पास रहने वाली गंगा कैंसर की समस्या से जूझ रही है। उसके पैरों में दिक्कत है। गंगा अपनी 13 वर्षीय बेटी विशाखा के साथ इलाज करवाने के लिए दिल्ली के एम्स आई थी। इस बीच 24 मार्च को देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा हो गई।
खाने व किराए के पैसे हो गए थे खत्म
आवागमन के साधन हो बंद गए और मां-बेटी के पास किराए व खाने पैसे भी नहीं बचे। ऐसे में दोनों एम्स दिल्ली में अटक गईं। अपने घर पर हालात की जानकारी देकर मां-बेटी दिल्ली एम्स से पुष्कर के लिए पैदल ही रवाना हो गई। गुड़गांव बॉर्डर तक का सफर पैदल ही तय कर लिया। बॉर्डर पर पुलिस ने जब गंगा को इस हाल में पैदल सफर करते देख उन्हें वापस एम्स छुड़वा दिया।
निजी कार का पास बनवाकर भेजा
उधर, गंगा के परिजनों ने पुष्कर पुलिस थाना को पूरी घटना के बारे में बताया तब एसएचओ राजेश मीणा ने मोबाइल पर मां-बेटी से सम्पर्क कर जानकारी ली और वहीं पर रुकने को कहा। साथ ही जानकारी दी कि उन्हें सकुशल घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। पुष्कर थानाधिकारी राजेश मीणा ने उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करवाकर अपने स्तर पर एक निजी कार का आपात स्थिति का पास जारी करवाया और फिर मां-बेटी को लाने के लिए रविवार रात को दिल्ली रवाना कर दिया। पुष्कर से दिल्ली की दूरी करीब 418 किलोमीटर है।
मां-बेटी 14 दिन के लिए क्वारन्टाइन
अजमेर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि दिल्ली से सोमवार सुबह मेडिकल जांच के बाद मां-बेटी कार से पुष्कर के लिए रवाना हुईं। कार दोनों को लेकर पुष्कर पुलिस थाना पहुंची। यहां डीएसपी विनोद कुमार और एसएचओ राजेश मीणा ने दोनों की फिर से मेडिकल जांच करवाई। उसके बाद उन्हें 14 दिन के लिए क्वारन्टाइन कर दिया गया। क्वारन्टाइन के दौरान पुलिस ने उनके परिवार के लिए भोजन का इंतजाम करने की भी जिम्मेदारी ली है। source: oneindia