राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय (एनएफएआई) ने अपने संग्रह में राजकुमार हिरानी की फिल्म ‘पीके’ (2014) की मूल कैमरा नेगेटिव को शामिल करने की घोषणा की है। श्री हिरानी उन प्रमुख समकालीन भारतीय फिल्म निर्माताओं में से एक हैं, जिन्होंने वर्षों से अपनी विशिष्ट फिल्मोग्राफी के जरिए अपने लिए एक अलग जगह बनाई है। राजकुमार हिरानी ने 2014 में बनी अपनी फिल्म ‘पीके’ की मूल कैमरा निगेटिव को आज मुंबई में एनएफएआई के निदेशक प्रकाश मगदुम को सौंप दिया।
इस अवसर पर राजकुमार हिरानी ने कहा, “इस निगेटिव को संरक्षित करना महत्वपूर्ण था और मुझे बहुत खुशी है कि इसे पुणे स्थित एनएफएआई में संरक्षित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करना फिल्म निर्देशकों का कर्तव्य है कि फिल्मों को संरक्षित किया जाए और मैं सभी फिल्म निर्देशकों से इस महत्वपूर्ण कार्य में एनएफएआई के साथ सहयोग करने का आग्रह करता हूं।”
एनएफएआई के निदेशक, प्रकाश मगदुम ने कहा, “हमें श्री हिरानी की पहले की लोकप्रिय फिल्मों को भी एनएफएआई में संरक्षित किया जा रहा है और हम अपने रिश्ते को जारी रखते हुए खुश हैं। हमारे संग्रह में पीके को शामिल करना खासकर इसलिए अनूठा है, क्योंकि इसे सेल्यूलाइड पर शूट किया गया था।” उन्होंने आगे कहा, “हमारे संग्रह में पीके को शामिल करना खुशी की बात है, क्योंकि इसे सेल्युलाइड पर फिल्माया गया था। 2013-14 के दौरान, फिल्म निर्माण के मामले में भारत सेल्युलाइड से डिजिटल में बदल गया। इसलिए इस फिल्म को बचाना ज्यादा जरूरी है।”
‘पीके’ की मूल कैमरा नेगेटिव के अलावा, इस फिल्म के रश और ‘थ्री इडियट्स’ के आउटटेक वाले लगभग 300 डिब्बे भी संरक्षण के लिए सौंपे गए। श्री हिरानी द्वारा निर्देशित फिल्मों के पोस्टर, लॉबी कार्ड और तस्वीरें भी एनएफएआई को सौंपी जायेंगी।
एफटीआईआई के पूर्व छात्र रहे श्री हिरानी को अपनी फिल्मों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को धाराप्रवाह तरीके से उठाने और समकालीन मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के उनके हल्के-फुल्के अंदाज के लिए जाना जाता है। राजकुमार हिरानी की मुन्नाभाई एमबीबीएस (2003), लगे रहो मुन्नाभाई (2006) और 3 इडियट्स (2009) के मूल नेगेटिव पहले ही एनएफएआई में संरक्षित किए जा चुके हैं।
राजकुमार हिरानी द्वारा लिखित, संपादित और निर्देशित, ‘पीके’ भारतीय समाज पर एक अनूठा राजनीतिक व्यंग्य है। विधु विनोद चोपड़ा के साथ मिलकर श्री हिरानी द्वारा बनाई गई ‘पीके’, भारत में सेल्यूलाइड पर शूट की जाने वाली आखिरी कुछ फिल्मों में से एक है। अंधविश्वास पर टिप्पणी करने वाली ‘पीके’ एक एलियन के विचित्र मजाकिया चरित्र के जरिए एक सनकी लेकिन प्यारे तरीके से दुनिया को समझने की कोशिश करती है।