श्रीनगर: गृह मंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर हिंसा को लेकर आज साझा प्रैस कॉन्फ्रेंस की। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने अपील की कि सभी कश्मीर निवासी शांति और अमन कायम करने में सरकार और सेना की मदद करें। गृह मंत्री ने कहा कि हम सभी से बात करने को तैयार हैं लेकिन सभी को कश्मीर की पीड़ा को समझना होगा। राजनाथ ने कहा कि जो लोग राज्य में अंशाति फैला रहे हैं उनकी पहचान की जाए।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो युवाओं को भड़काने और उनके हाथों में पत्थर थमाने वाले लोगों की पहचान करें। सिंह ने कहा कि पैलेट गन को लेकर एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया है, तीन-चार दिन में उसकी रिपोर्ट आ जाएगी। पैलेट गन का विकल्प लाया जाएगा, अब इसकी जरूरत महसूस हो रही है।
‘सर आप रुक जाइए, इनको मैं जवाब देती हूं- महबूबा
प्रैस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवालों का जवाब देते हुए महबूबा ने कहा कि कश्मीर के 95 फीसदी लोग अमन चाहते और बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन सिर्फ 5 फीसदी लोग अपने हितों के लिए गलत राह पर हैं। महबूबा एक सवाल के जवाब को गलत तरीके से लिए जाने पर भड़क गईं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग छोटे बच्चों को ढाल बना रहे हैं। यह गलत है और ‘प्लीज’ दो अलग-अलग घटनाओं की तुलना मत कीजिए। सवाल पूछने के क्रम में एक पत्रकार ने उमर अब्दुल्ला सरकार के काल से मुफ्ती सरकार की तुलना की थी।
एक पत्रकार ने पिछली उमर अब्दुल्ला सरकार से मौजूदा मुफ्ती सरकार की तुलना की, इस पर राजनाथ कुछ कहने लगे तो महबूबा ने कहा, ‘सर आप रुक जाइए, इनको मैं जवाब देती हूं, आप इन्हें नहीं जानते।’जवाब देने के क्रम में जब महबूबा की पत्रकारों से तू-तू मैं-मैं हो रही थी तो राजनाथ ने बीच में टोकते हुए कहा, ‘अरे महबूबाजी तो आपके घर की हैं।’ खास बात यह भी रही कि जब प्रैस कॉन्फ्रेंस समाप्त हुई, राजनाथ से पहले महबूबा झटक कर उठीं और चल पड़ी, जिनके पीछे राजनाथ भी चुपके से चल पड़े।