नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में, खासकर पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूयू) प्रभावित राज्यों में काफी सुधार हुआ है। गुजरात में नर्मदा जिले के केवड़िया में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा परिदृश्य में सुधार खासकर असम में 30 जुलाई, 2018 को एनआरसी सूची के अंतिम दस्तावेज के शांतिपूर्ण प्रकाशन पर संतोष जताया।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र की आंतरिक सुरक्षा में तेजी से सुधार होते देखा गया है। वर्ष 2017 की अवधि की तुलना में वर्ष 2018 में हिंसा के सभी पैमानों में सुधार हुआ है। इस दौरान कुल घटनाओं में 17 फीसदी और नागरिकों की मौत के मामलों में 38 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि अरूणाचल प्रदेश और मेघालय में एएफएसपीए में कुछ छूट दी गई जिस पर लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया आई। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों को मुख्य धारा में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा भारत सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले आतंकियों को दिए जाने वाले वित्तीय लाभों को बढ़ाते हुए आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति में संशोधन किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि भारत की सुरक्षा चिंताओं से म्यांमार को अवगत करा दिया गया है और साथ ही भारत के पूर्वी क्षेत्र के पड़ोसी देशों के साथ व्यापार की संभावनाएं तलाशने की कोशिशें भी जारी हैं। उन्होंने कहा कि कई आतंकवादी समूह पड़ोसी देशों खासकर म्यांमार की भूमि से आतंकी गतिविधि चला रहे हैं। इन देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत के दौरान इन चिंताओं को साझा किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर गश्ती बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय के तहत एक अंतर-मंत्रालयीय समिति ने सीमा पर स्वच्छंद आवाजाही के प्रभावी नियमन पर एक संशोधित मसौदा तैयार किया है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा की स्थिति में पिछले 8 वर्षों से सुधार जारी है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ, झारखंड और ओडिशा के सीपीआई/माओवादी इलाकों में सुरक्षा बलों को काफी सफलता मिली है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बीच संयोजन और लगातार खुफिया जानकारी की वजह से इस साल वामपंथी उग्रवाद से होने वाले नुकसान में दुगुना कमी आई है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू–कश्मीर से लेकर पंजाब और देश के आंतरिक क्षेत्रों में आंतकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य लगातार बिगड़ रहा है, जबकि पत्थरबाजी की घटना में कमी आई है। उन्होंने कहा कि आतंकियों की घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं, आतंकियों पर लगातार हमले हो रहे हैं और स्थानीय स्तर पर आतंकियों की बहाली की कोशिश भी जारी हैं।
श्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा संगठनों को पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिशों को रोकने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि हाल की कुछ आतंकी घटनाओं से इस बात का सीधा संकेत मिलता है कि पाकिस्तान में मौजूद संगठनों और सिख अतिवादियों द्वारा पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिशें हो रही हैं।
श्री राजनाथ सिंह ने साइबर सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी की वकालत की है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार से बाहर मौजूद साइबर प्रतिभाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
श्री राजनाथ सिंह ने देश को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा संगठनों की लगातार कोशिशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पुलिस बलों ने लोगों में आत्म विश्वास की भावना भरी है और सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताएं दूर हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारत के सुरक्षा क्षेत्र में खुफिया एजेंसियों, राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का अहम योगदान है।