रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 24 मार्च, 2022 को नई दिल्ली में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) पर्यटन पोर्टल (https://marvels.bro.gov.in) का उद्घाटन किया। यूजर के अनुकूल इस वेबसाइट का उद्देश्य बीआरओ द्वारा निर्मित्त सड़क अवसंरचना परियोजनाओं के लिए निर्देशित पर्यटन की ई-बुकिंग की सुविधा प्रदान करना है। आरंभिक चरण में, पोर्टल के माध्यम से अटल सुरंग, रोहतांग के निर्देशित पर्यटन के लिए केवल ई-बुकिंग की उपलब्ध होगी। शीघ्र ही, लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश आदि में अवसंरचना परियोजनाओं को निर्देशित पर्यटन में शामिल कर लिया जाएगा। उमलिंग ला दर्रा में विश्व की सबसे ऊंची मोटर चलाने योग्य सड़क, अत्याधुनिक सेला बाई-लेन सुरंग तथा नेचिफु सुरंग उन परियोजनाओं में शामिल हैं जिन्हें इसमें सम्मिलित किया जाएगा।
इस अवसर पर सीमा सड़क के महानिदेशक (डीजीबीआर) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी द्वारा वेबसाइट से पहला टिकट रक्षा मंत्री को प्रस्तुत किया गया। श्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पोर्टल के विकास में बीआरओ के प्रयासों की सराहना की तथा विश्वास जताया कि यह वेबसाइट दूर दराज के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने में दीर्घकालिक रूप से सहायक होगा। इस वेबसाइट में बीआरओ, सीमावर्ती राज्यों में इसके द्वारा निष्पादित कार्यो की प्रकृत तथा सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के अतिरिक्त पर्यटन गंतव्यों तथा स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के चित्र तथा वीडियो गैलरी शामिल हैं। इसमें सिविल इंजीनियरिंग के क्षत्र में काम करने वालों, विशेष रूप से छात्रों तथा शिक्षाविदों के लिए निर्माण से संबंधित तकनीकी सूचना भी प्रदान की गई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आगे आने वाले दिनों में यह बीआरओ द्वारा निष्पादित परियोजनाओं के इतिहास तथा महत्व के बारे में सूचना का सबसे सुगम तथा भरोसेमंद स्रोत बन जाएगा तथा आगामी परियोजनाओं के बारे में भी झलक उपलब्ध कराएगा।
रक्षा मंत्री ने इन क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित करने में अतुलनीय भूमिका निभाने के लिए बीआरओ की सराहना की और कहा कि अटल सुरंग के निर्माण के बाद उस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या छह गुनी बढ़ गई। उन्होंने दूरदराज के क्षेत्रों में 75 स्थानों पर बीआरओ कैफे की स्थापना के बारे में विशेष उल्लेख किया और विश्वास व्यक्त किया कि ये कैफे यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेंगे, दूरदराज के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देंगे तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे।
श्री राजनाथ सिंह ने पिछले छह दशकों के दौरान 60,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों, 850 प्रमुख पुलों, 19 एयरस्ट्रिप्स तथा चार सुरंगों के निर्माण और इस प्रकार सुदूर तथा दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के जरिये राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने के लिए भी सराहना की। उन्होंने राष्ट्र के विकास में कनेक्टिविटी तथा बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर दिया तथा कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें, सेतु तथा सुरंगे सशस्त्र बलों की आवश्यकता की पूर्ति करने के अतिरिक्त क्षेत्र का सामाजिक आर्थिक विकास सुनिश्चित करने में केंद्रीय भूमिका निभाती हैं।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘पहले, सीमावर्ती क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास कभी भी प्राथमिकता नहीं रही और यह डर रहा कि कठिन समय में हमारे विरोधी इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। हमने पूरी तरह इस दृष्टिकोण को बदल दिया है। किसी भी क्षेत्र के बुनियादी ढांचे का विकास राष्ट्र के विकास तथा वैश्विक स्थिति से भी जुड़ा हुआ है। बदलते समय में, सभी क्षेत्र विकास के पथ पर आगे बढ़ते हैं। हम सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। बीआरओ के पूंजीगत बजट में रिकॉर्ड बढोतरी की हाल की घोषणा फिर से इस प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।’’
रक्षा मंत्री ने इस तथ्य की सराहना की कि दूर दराज के क्षेत्र अब प्रवासी लोग वापस अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं। जिन लोगों ने पहले रोजगार, शिक्षा तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की खोज में अपने गांवों को छोड़ दिया था, अब इन क्षेत्रों में विकास होता देख वापस लौटने लगे हैं। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के हुरी गांव की चर्चा की, जिसके निवासी बीआरओ द्वारा जिला मुख्यालय से संपर्क सुनिश्चित किए जाने के बाद वापस लौट आए। उन्होंने कहा, ‘‘अटल सुरंग तथा उमलिंग ला दर्रा बीआरओ की सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं जिन्होंने भारत को विश्व के मानचित्र पर ला खड़ा किया है। बीआरओ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्म निर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में प्रयास कर रहा है।’’
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि पर्यटन और यात्रा उद्योग विश्व में सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं तथा संपत्ति सुजनकर्ताओं में से एक हैं और सरकार ने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये हैं। ‘‘अतुल्य भारत’’, ‘एक विरासत को अपनाएं- अपनी धरोहर, अपनी पहचान’, ‘स्वदेश दर्शन’ ‘पूर्वोत्तर से प्यार के साथ’, ‘देखो अपना देश’ तथा ‘उड़ान’ कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिनका उद्देश्य देश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, सुरक्षा प्रणाली मजबूत होगी, पर्यटन गंतव्य विकसित होंगे तथा रोजगार अवसरों का सृजन होगा।’’
रक्षा से संबंधित विषयों के साथ विशेष रूप से युवाओं के जुड़ने की इच्छा की ओर इंगित करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से रक्षा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक योजना तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने स्थानों की सुरक्षा तथा मर्यादा का ध्यान रखते हुए उद्योग, स्टार्ट अप्स तथा पूर्व सैनिकों की सहायता से लोगों के लिए ऐतिहासिक युद्ध क्षेत्रों, युद्ध स्मारकों, प्रशिक्षण अकादमियों या अन्य समान प्रकार के रक्षा प्रतिष्ठानों का दौरा आयोजित करने की संभावना की खोज करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा होगी तथा साथ ही साथ राजस्व भी सृजित होगा।
डीजीबीआर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यह वेबसाइट लोगों को आसानी से उन स्थानों की यात्रा करने में सक्षम बनाएगी जो पर्यटकों तथा शिक्षाविदों के बीच लोकप्रिय हो गए हैं। रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) श्री संजीव मित्तल तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। बीआरओ कर्मी तथा पर्यटन एवं यात्रा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से भाग लिया।