नई दिल्ली: घरेलू रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस क्षेत्र में अत्याधुनिक परीक्षण अवसंरचना का निर्माण करने के लिए 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम (डीटीआईएस) को शुरू करने की मंजूरी प्रदान की है। यह योजना पांच वर्षों की अवधि के लिए होगी और इसमें निजी उद्योगोंकी साझेदारी के साथ छह से आठ नई परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।इससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन में मदद मिलेगी, जिसकेफलस्वरूप सैन्य उपकरणों का आयात कम होगा और देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
इस योजना के अंतर्गत, परियोजनाओं को ‘अनुदान-सहायता’ के रूप में 75 प्रतिशत तक धन सरकार के द्वाराउपलब्ध कराया जाएगा।परियोजना की लागत का शेष 25 प्रतिशत विशेषप्रयोजन इकाई (एसपीवी) द्वारा वहन किया जाएगा, जिसकी घटक भारतीय निजी संस्थाएं और राज्य सरकारें होंगी।इस योजना के अंतर्गत, एसपीवी को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत किया जाएगा और वह उपयोगकर्ता शुल्क एकत्रित करके इस योजना के अंतर्गत सभी परिसंपत्तियों का स्व-धारणीय तरीके से संचालन और रखरखाव भी करेगा।परीक्षण किए गए उपकरणों/प्रणालियों को उपयुक्त मान्यता के अनुसार प्रमाणित किया जाएगा।
हालांकि, अधिकांश परीक्षण सुविधाओं को दो रक्षा औद्योगिक गलियारों (डीआईसी) में ही समाहित होने की उम्मीद है, लेकिन इस योजना को केवल डीआईसी में टेस्ट सुविधाएं स्थापित करने तक ही सीमित नहीं रखा गया है।
डीटीआईएस के दिशा-निर्देशों को रक्षा मंत्रालय/डीडीपी और डीजीक्यूए के वेबसाइटों पर अपलोड कर दिया गया है।इसे निम्नलिखित लिंक पर प्राप्त किया जा सकता है: https://ddpmod.gov.in/sites/default/files/pdfupload/DTIS%20Guidelines.pdf