नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सिंगापुर में वहां के उप-प्रधानमंत्री श्रीहेंग स्वी किट से मुलाकात की। बैठक के दौरान रक्षा मंत्री ने संयुक्त अभ्यास करने में भारत के सशस्त्र बलों और सिंगापुर की सेना की बढ़ती भागीदारी पर संतोष व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और अधिक ऊंचाई पर ले जाने पर भी सहमति व्यक्त की।
श्री राजनाथ सिंह ने दक्षिण चीन सागर तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भारत की स्थिति का जिक्र किया। उन्होंन जोर देकर कहा कि भारत के लिए हिंद- प्रशांत क्षेत्र का अर्थ मुक्त, समावेशी तथा स्थिर क्षेत्र है जो सुरक्षित समुद्र से जुड़ा हो, व्यापार से एकीकृत हो और आसियान की एकता और उसकी केंद्रीय भूमिका में विश्वास रखता हो। रक्षा मंत्री ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानूनों तथा तौर-तरीकों को लागू करने, नेवीगेशन की स्वतंत्रता, बाधा रहित कानूनसम्मत वाणिज्य तथा विवादों के शांतिपूर्ण निपटान पर भारत की स्थिति को दोहराया।
श्री राजनाथ सिंह ने भारत के क्षेत्रीय विस्तृत आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) में शामिल न होने के बारे में देश के दृष्टिकोण को रखा। सिंगापुर की यात्रा के पहले दिन रक्षा मंत्री सेमबावांग एयर बेस देखने गए और उन्होंने सिंगापुर वायु सेना के सुपर प्यूमा हेलिकॉप्टर में औपचारिक उड़ान भरी। वह सिंगापुर के नौसैनिक जहाज आरएसएस स्टॉलवार्ट देखने भी गए।
श्री राजनाथ सिंह ने सिंगापुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रृद्धांजलि दी। उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस तथा इंडियन नेश्नल आर्मी (आईएनए) के शहीदों को श्रृद्धांजलि दी। रक्षा मंत्री इस अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आईएनए में सेवा देने वाले मेजर ईश्वर लाल से मिले। रक्षा मंत्री ने स्मारक पर सिंगापुर की यात्रा पर गए एनसीसी कैडेटों से भी बातचीत की। रक्षा मंत्री कल चौथे भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्री संवाद सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे।