अल्मोड़ा /देहरादून: समाज सेवा के प्रति समर्पण भाव से कार्य करने वाले महान विभूतियों से हमें प्रेरणा लेने के साथ ही उनके बताये गये मार्ग पर चलने का लक्ष्य निर्धारित करना होगा यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिखर होटल में स्व0 राम प्रसाद टम्टा की जन्मशती में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि स्व0 रामप्रसाद टम्टा ने देश सेवा में कार्य कर जो कार्य किये है वे हम सबके अनुकरणीय है।
उन्होंने कहा कि स्व0 राम प्रसाद टम्टा जी आजीवन समाज के कमजोर वर्गो व शिल्पकारों तथा गरीबो के हित में कार्यरत रहे और उनकी ज्वलंत समस्याओं का समाधान कराया तथा उत्तराखण्ड में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी। उन्होंने सभी पदो पर रहते हुए उत्तराखण्ड के गरीब निर्बल वर्ग के लोगों के साथ-साथ समाज के अन्य वर्गों के लोगो की भी समान रूप से सहायता की शिल्पकारों व समाज के गरीब लोगों के मुकददमों की पैरवी निःशुल्क की तथा उन्हें न्याय दिलाने में सफल रहे। विधानसभा व राज्य सभा मंे रहकर भी पर्वतीय लोगों के हितों को ध्यान में रखकर कार्य किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गरूड़ाबाॅज में मु0 हरि प्रसाद टम्टा हस्तशिल्प उन्नयन संस्थान की संस्थान का निर्णय लिया गया है इस संस्थान के प्रारम्भ हो जाने से ग्रामीण क्षेत्र से विलुप्त हो रही हस्तशिल्प कला को जहाॅ एक ओर बढ़ावा मिलेगा वहीं लकड़ी, ताम्र उद्योग, बढ़ई, लोहारगिरी, मिस्त्री आदि का काम करने वाले लोगो का आर्थिक स्तर ऊॅचा उठेगा और निर्बल वर्ग के ओर स्वरोजगार की ओर उन्मुख होकर अपना जीवकोपार्जन करेंगे। ताम्र उद्योग जो वर्तमान में प्रायः लुप्त के कगार पर है इसके संरक्षण व संवद्र्वन के लिए भी प्रदेश सरकार उद्योग विभाग के माध्यम से ठोस कार्य योजना तैयार कर रही है ताकि इस कार्य को बढ़ावा मिल सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिक्षा, समाज सेवा, हस्तशिल्प सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुरूषो/महिलाओं को सम्मानित किया जिनमें सुश्री लीला टम्टा, मनोरमा जोशी, पर्यावरण मित्र नन्द किशोर, समाजसेवी नारायण राम आर्य, सुरेश लाल टम्टा, भूतपूर्व डिप्टी कमान्डेण्ड जीवन चन्द्र व सुरेश टम्टा को सम्मानित किया साथ ही समाज सेवी राम प्रसाद टम्टा पर लिखी एक स्मारिका ‘‘उत्तराखण्ड में समाजिक सौहार्द के प्रेरक प्रसिद्व विधिवेता स्व0 रामप्रसाद टम्टा‘‘ का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन कोसी बैराज को स्व0 रामप्रसाद टम्टा के नाम से किये जाने की घोषणा करने के साथ ही अल्मोड़ा में एक आवासीय विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की जिसमें रोजगारपरक एवं नये विषयों की शिक्षा प्रदान की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 10 करोड़ रू0 स्वीकृत किया जा चुका है। उन्होंने अल्मोड़ा नगर में स्व0 रामप्रसाद टम्टा की मूर्ति एवं अन्य महापुरूषों की मूर्ति के लिए 02 लाख देने की भी घोषणा की इसके लिए भूमि चयन के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगो के लिए बनने वाले आवासो को जयानन्द भारती व खुशी राम के नाम से योजना चलाने की बात भी कही।
विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि पुरातन ताम्र उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही अन्य प्रशासनिक पदों पर कार्य कर टम्टा परिवार से जुड़े लोगो ने देश ही नहीं अपितु विदेश में इस जनपद का गौरव बढ़ाया साथ ही अनेक विशिष्ट पहचान बनाई। उन्होंने कहा कि स्व0 मुंशी हरिप्रसाद टम्टा द्वारा निर्बल वर्ग के लोगों के उत्थान हेतु किये गये कार्यों की आज भी प्रशंसा होती है। हमारा प्रयास होगा कि ऐसे महान विभूतियों की भावना के अनुरूप हमें समाज के निर्बल वर्गों की सहायता कर उनके आर्थिक व समाजिक विकास के लिए ठोस कार्य करने होंगे। संसदीय सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड की देवभूमि में अनेक विभूतियों ने जन्म लिया है जिन्होंने अपने कार्यों व व्यक्तिव से समाज को नई दिशा दी है उसमें स्व0 रामप्रसाद टम्टा का नाम सर्वोपरि है उन्होंने उत्तराखण्ड में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनायी थी। इस अवसर पर स्व0 रामप्रसाद टम्टा के पुत्र मोहन चन्द्र टम्टा ने कहा कि स्व0 रामप्रसाद जी का जो निर्बलों के प्रति सेवा भाव था उसे निरन्तर आगे बढ़ाया जायेगा।