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राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम बनेगी राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया: पीएम मोदी

उत्तर प्रदेशदेश-विदेश

अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम बनेगी। मंदिर के बनने के बाद पौराणिक नगरी की न सिर्फ भव्यता बढ़ेगी बल्कि इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा।

रामजन्म भूमि का पूजन करने के अवसर पर कहा कि राममंदिर के निर्माण की यह प्रक्रिया राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है। यह विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का,नर को नारायण से जोड़ने का, लोक को आस्था से जोड़ने का,वर्तमान को अतीत से जोड़ने का और स्वयं को संस्कार से जोडऩे का महोत्सव है।

उन्होने कहा कि मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा, बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है. जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनाया गया, वैसे ही घर-घर से,गांव-गांव से श्रद्धापूर्वक पूजी शिलाएं, यहां ऊर्जा का श्रोत बन गई हैं। देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों,वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं।

श्री मोदी ने कहा कि मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी बल्कि इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा। यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे। पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे। पूरी दुनिया प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी।

श्री मोदी ने कहा ” मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा।हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।

उन्होने कहा ” आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा, आज भी प्रचलित है. मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाला देश इंडोनेशिया है, वहां रामायण के कई रूप देखने को मिलते हैं। वहां भी राम आराध्य के रूप में पूजे जाते हैं और लोगों की आस्था उनमें है। दुनिया के न जाने कितने छोर हैं, जहां की आस्था में और न जाने कितने रूपों में राम को लोग आराध्य मानते हैं। अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर सिर्फ हमारे लिए नहीं, पूरी मानवता को प्रेरणा देता रहेगा. क्योंकि राम तो सबके हैं, राम तो सबमें हैं।

उन्होने कहा कि जिस तरह दलितों-पिछ़ड़ों-आदिवासियों, समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में गांधी जी को सहयोग दिया,उसी तरह आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का ये पुण्य-कार्य प्रारंभ हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आजा आंदोलन ना चला हो देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान ना दिया गया हो। यह स्वतंत्रता की उत्कृष्ट भावना का प्रतीक था, ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई कई सदियों तक कई कई पीढ़ियों ने अखंड अविरत एक निष्ठा प्रयास किया। त्याग बलिदान और संघर्षों से आज यह सपना साकार हो रहा है।

उन्होने कहा कि जो राम तुलसी और कबीर के समय से भजनों में विश्वास दे रहे हैं वहीं स्वतंत्रता आंदोलन के समय में महात्मा गांधी के वचनों में देशवासियों को शक्ति दे रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इतने बड़े कार्य और राम मंदिर के शुभ भूमि पूजन के लिए उन्हें चुना। करोड़ों लोगों को इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते-जी इस कार्य को शुरु होते हुए देख रहे हैं। राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है और आज पूरा भारत राममय हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों तक रामलला टेंट में रहे थे, लेकिन अब भव्य मंदिर बनेगा। उन्होने कहा कि गुलामी के कालखंड में आजादी के लिए आंदोलन चला है, 15 अगस्त का दिन उस आंदोलन का और शहीदों की भावनाओं का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक पीढ़ियों ने प्रयास किया है, आज का ये दिन उसी तप-संकल्प का प्रतीक है। राम मंदिर के चले आंदोलन में अर्पण-तर्पण-संघर्ष-संकल्प था।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन से पहले राम मंदिर की प्रतिकृति का पांच रूपये का पोस्टल स्टैंप जारी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक से भेजी गई लकड़ी से निर्मित श्री राम की प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर श्री मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला की पट्टिका का अनावरण किया। रॉयल बुलेटिन

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