नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मीडिया से बातचीत की। इसमें उन्होंने एनएफएसए के प्रावधान के अनुसार (डीबीटी के अंतर्गत शामिल लोगों सहित) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आने वाले सभी लाभार्थियों (एएवाई और पीएचएच) के लिए हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम की दर से अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए मंत्रालय द्वारा किए गए प्रावधान,तैयारियों और आवश्यक कदमों का विवरण उपलब्ध कराया। श्री पासवान ने पीएमजीकेएवाईके तहत मुफ्त राशन योजना को नवंबर,2020 तक बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय में कोई गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति भूखा नहीं रह पाएगा और बरसात तथा आने वाले त्यौहारों के मौसम में उन्हें मुफ्त राशन भी मिल सकेगा।
श्री पासवान ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का दूसरा चरण आज से यानी 01जुलाई,2020 से शुरू हो रहा है, जो नवंबर,2020 तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को कुल 200 एलएमटी अनाज वितरित किए जाएंगे जो मुफ्त होगा। इसके साथ ही लगभग 20करोड़ परिवारों के बीच मुफ्त में कुल 9.78 एलएमटी चना भी वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर दोनों योजनाओं पीएमजीकेएवाई-1और पीएमजीकेएवाई-2 को मिला दिया जाए तो इस पर कुल लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
श्री रामविलास पासवान ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत देश के 80 करोड़ से अधिक एनएफएसए लाभार्थियों को उनकी मासिक अन्न प्राप्ति के अलावा प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त अनाज और हर परिवार को 1 किलोग्राम चना मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में 30 जून,2020 को राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के लिए विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं और सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को अगले 5 महीनों के लिए तत्काल प्रभाव से खाद्यान्न वितरण शुरू करने के लिए कहा गया है। श्री पासवान ने कहा कि सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अभी 10% अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटित किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को खाद्यान्न का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।
पीएमजीकेएवाई के तहत खाद्यान्न
चावल / गेहूं
श्री रामविलास पासवान ने अप्रैल,मई और जून के लिए पीएमजीकेएवाई योजना की स्थिति के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली को छोड़कर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने कुल आवंटित 119.82 एलएमटी अनाज में से अब तक 116.52 एलएमटी अनाज ले लिया है। उन्होंने कहा कि जहां तक खाद्यान्न के वितरण का संबंध है तो अप्रैल में 93% खाद्यान्न,मई में 93% खाद्यान्न और जून में 75% खाद्यान्न का वितरण किया गया है और जून महीने के लिए वितरण का काम अब भी चल रहा है।
पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल,मई और जून के महीने में 90%से कम खाद्यान्न वितरित करने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सूची निम्नलिखित है: –
राज्य | तीन महीनों के लिए कुल आवंटन (एमटी) | तीन महीनों में कुल वितरण (एमटी) | वितरण का प्रतिशत |
दादर, नागर हवेली और दमन एवं दीउ | 4,284 | 3,729 | 87% |
महाराष्ट्र | 10,50,255 | 9,09,556 | 87% |
झारखंड | 3,95,550 | 3,41,555 | 86% |
दिल्ली | 1,09,101 | 91,743 | 84% |
मणिपुर | 36,852 | 29,442 | 80% |
बिहार | 12,96,744 | 9,74,410 | 75% |
मध्य प्रदेश | 8,19,630 | 5,58,808 | 68% |
सिक्किम | 5,682 | 3,841 | 68% |
पश्चिम बंगाल | 9,02,757 | 5,31,887 | 59% |
दलहन
दालों के संबंध में श्री रामविलास पासवान ने बताया कि तीन महीने यानी अप्रैल से जून तक कुल 5.87 एलएमटी दलहन की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक कुल 5.80 एलएमटी दलहन भेजा गया है और इनमें से 5.61 एलएमटी दलहन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंच गया है और लाभार्थियों के बीच 4.49 एलएमटी दालों का वितरण किया जा चुका है। 18 जून, 2020 तक स्टॉक में कुल 08.76 एलएमटी दलहन (तुअर-3.77 एलएमटी, मूंग-1.14 एलएमटी, उड़द -2.28 एलएमटी, चना- 1.30 एलएमटी और मसूर- 0.27 एलएमटी) उपलब्ध थी। भारत सरकार इस योजना के तहत लगभग 5,000 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत वित्तीय बोझ खुद वहन करती है।
निम्नलिखित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने अप्रैल के महीने में 90%से कम दालों का वितरण किया है –
पश्चिम बंगाल | 87.48% |
महाराष्ट्र | 82.49% |
बिहार | 81.54% |
मध्य प्रदेश | 66.60% |
निम्नलिखित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने मई के महीने में 90%से कम दालों का वितरण किया है –
छत्तीसगढ़ | 85.98% |
त्रिपुरा | 84.30% |
महाराष्ट्र | 74.22% |
मणिपुर | 62.11% |
मध्य प्रदेश | 50.70% |
मिज़ोरम | 45.40% |
बिहार | 31.45% |
पश्चिम बंगाल | 0.00% |
निम्नलिखित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने जून के महीने में 90%से कम दालों का वितरण किया है –
झारखंड | 87.05% |
मेघालय | 89.34% |
हिमाचल प्रदेश | 85.99% |
पंजाब | 81.78% |
हरियाणा | 80.35% |
कर्नाटक | 75.19% |
ओडिशा | 71.96% |
गुजरात | 63.67% |
राजस्थान | 66.39% |
लद्दाख | 62.65% |
सिक्किम | 61.64% |
छत्तीसगढ़ | 59.77% |
मिज़ोरम | 46.59% |
महाराष्ट्र | 40.30% |
मणिपुर | 21.05% |
तेलंगाना | 10.55% |
बिहार | 0% |
त्रिपुरा | 0% |
मध्य प्रदेश | 0% |
पश्चिम बंगाल | 0% |
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने बताया कि उन्होंने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना को लागू करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें। उन्होंने बताया कि कई राज्यों ने इंटरनेट की धीमी गति या सीमित कनेक्टिविटी से जुड़ी चुनौतियों का हवाला दिया है जिसपर उन्हें आश्वासन दिया गया है कि इस समस्या के उचित समाधान और पूरे देश में ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ को सुचारू रूप से लागू करने के लिए इस मुद्दे को दूर संचार विभाग (डीओटी) के समक्ष रखा जाएगा।
श्री पासवान ने मीडिया ब्रीफिंग का समापन करते हुए मंत्रालय के दोनों विभागों के अधिकारियों और खाद्य वितरण के चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए भारतीय खाद्य निगम तथा नाफेड के कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कोविड-19 महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में खाद्यान्न पहुंचाने और उसके वितरण में मदद के लिए रेलवे को धन्यवाद दिया।