लखनऊ: मजलिसें उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी के मकान पर आज धर्मगुरूओं की बैठक जारी है । जसमें रमजान के सम्मान का लिहाज रखते हुए छोटे इमाम बााड़े पर चल रही भूख हड़ताल को समाप्त करने तथा बड़े और छोटे इमाम बाड़ों के ताला खोलने पर परामर्श किया जा रहा है, अन्जुमनें और महिलाएं भूख हड़ताल और धरने से हटने के लिए तैयार नहीं हैं। रमजान की पवित्रता के मद्देनजर इन मसाएल पर बात जारी है । उलमा ने सहमति से तय किया कि पवित्र महीने रमजान के मद्देनजर ताला खोलने पर बात की जा रही है लेकिन इस संबंध में अंतिम फैसला आज रात 8 बजे संगठनों की बैठक के बाद लिया जाएगा ।
उलमा ने कहा कि यदि सरकार रमजान के महीने के दौरान मसाएल का समाधान नहीं करती है तो रमजान के बाद इस्से बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू क्या जाएग । उलमा ने कहा पूरे उत्तर प्रदेश से युवाओं के फोन आ रहे हैं कि सरकार की नाइंसाफियों के खिलाफ रेल रोको आंदोलन किया जाना चाहिये लेकिन हमने उनकी भावनाओं को काबू में रखा है अगर रमजान के दौरान मसाएल का समाधान न हुआ तो उन जवानों को रोकना हमारे इखतियार से बाहर होगा।
उल्मा ने कहा कि रमजान के बाद पूरे भारत से जनता और आलिमों को बुलाया जाएगा वे खुद इस समस्या को लेकर बहुत बेचैन हैं हमने शांति के मद्देनजर उन्हें किसी भी कदम से रोक रखा है अगर रमजान में मसाएल हल नहीं होते हैं तो उन्हें लखनऊ बुलाया जाएगा और पूरे उत्तर प्रदेश के जिलों में भी सरकार के खिलाफ अपने अधिकारों की वसूली के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाया जाएगा । उलमा ने कहा इसलामी शरीयत में खुद को जलाना हराम है इसलिए हमने सख्ती से मना किया है । लोग खुद को जलाने के लिए तैयार हैं हम ने कहा कि कोई भी ऐसा कदम न उठाया जाए जिस्से अम्न को भंग होने का खतरा हो।
उलेमा ने आलिमों के अपमान में दिए गए एक बियान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह पिछले रमजान में समाजवादी सरकार ने आलिमों का अपमान क्या , लाठियां बरसाई गईं थी उस पत सब चुप रहे इसका नतीजा यह है कि अब शरपसनद लोगों को आलिमों का अपमान करनम की हिम्मत पैदा हो गई है अगर उसी समय समाजवादी सरकार की निंदा की जाती तो नौबत यहां तक न आती।