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रामाधीन सिंह उत्सव भवन में बृज भाषा में गणपति बप्पा के गीतों पर झूमे भक्त

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: बाबूगंज के रामाधीन सिंह उत्सव भवन में रविवार को गणपति बप्पा के शस्त्र पाशाकुंश को पूजा गया। यहां पर गायक कलाकारों ने कमेटी के सदस्यों के साथ गीत, भजन गाए। पंडितों के साथ कमेटी के सदस्यों ने शस्त्र पूजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। नृत्य नाटिका में श्रीराम चन्द्र का गुणगान किया गया।

कोलकाता से आए गायक संजय शर्मा के निर्देशन में तूलिका ग्रुप के कलाकारों द्वारा भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। मौजूद भक्तों को बताया गया कि इस ज्योतिर्लिंग का नाम भीमाशंकर कैसे पड़ा। नाटक के जरिए बताया गया कि कुंभकर्ण के बेटे का नाम भीमा था। उसकी माता का नाम करकरी था। अयोध्या नरेश भगवान श्रीराम चन्द्र द्वारा जब रावण समेत उसके भाइयों और परिवारीजनों का वध किया गया तो भीमा ने उन्हें मारने के लिए भगवान ब्रह्मा की तपस्या की। उनसे वरदान मांगा। तब उसे वरदान देते हुए यह भी कहा गया कि वह किसी शिवभक्त का नुकसान करेगा तो उसका वरदान स्वतः समाप्त हो जाएगा।
राजस्थान के जयपुर से आए गायक राजू बृजवासी ने बृज भाषा में गणपति बप्पा के कई मनमोहक गीत प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को मुग्ध कर दिया।
श्री गणेश प्राकट्य कमेटी के संरक्षक भारत भूषण गुप्ता, सतीश अग्रवाल, शरद अग्रवाल, योगेश बंसल, अखिलेश, संजय, रवि समेत कई पदाधिकारियों व सदस्यों ने बप्पा के शस्त्र पाशाकुंश की पूजा-अर्चना की। भारत भूषण ने बताया कि इस पूजन के जरिए भक्तों ने गणपति से कामना की कि उनके भक्तों को कोई परेशानी में डाले तो वह अपने शस्त्र से उसकी रक्षा करें।
रोजाना की तरह रविवार को भी गणपति बप्पा का श्रृंगार और आरती सुबह व शाम हुई। रविवार को भी सैकड़ों भक्तों ने मनौतियों के राजा (गणपति बप्पा) को 108 बार ऊँ श्री गं गं गणपतये नम: की चिट्ठियां लिखीं। इन चिट्ठियों के जरिए बप्पा उन भक्तों की मुराद पूरी करेंगे।

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