19.5 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रामायण भाषाओं की मर्यादा लांघकर भारतीय संस्कृति की राजदूत बनकर अनेक देशों में पहुंची है: अमित शाह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के द्वारा आयोजित पांचवें अंतर्राष्‍ट्रीय रामायण उत्‍सव में बोलते हुए कहा कि भारतीय संस्‍कृति के प्रचार-प्रसार के सभी उद्देश्‍यों की पूर्ति के लिए रामायण मंचन से अच्‍छा कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता। उनका कहना था कि रामायण महाकाव्‍य में बहुत शक्ति है और हजारों सालों की अविरल धारा प्रवाह अभिव्यक्ति केवल रामायण के द्वारा हुई है।

श्री शाह का कहना था कि रामायण केवल एक चरित्र की घटना नहीं है। मानवीय जीवन के सारी ऊंचाइयों को भूले बगैर जीवन को रेखांकित करने का काम महर्षि वाल्मीकि ने किया है साथ ही महर्षि वाल्मीकि ने आने वाले समय में पतन के कारणों को भी इंगित किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि महाकाव्य में राजा के कर्तव्यों का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। राजा के द्वारा धैर्य के साथ अपने पिता की बात मानने के लिए कितना बलिदान, कितना त्याग किया जा सकता है यह भी दर्शाया गया है। उन्‍होंने कहा कि राजा राम ने पूरा जीवन मर्यादा में रहकर जिया। राम के जीवन को काव्य स्वरूप में देने का काम महर्षि वाल्मीकि ने किया है। उनका कहना था कि दुनिया की सभी भाषाओं में रामायण का भावा-अनुवाद हुआ है।

श्री शाह ने यह भी कहा कि यह केवल संस्कृति की उद्घोषणा करने वाला, आदर्श जीवन को समझाने वाला काव्य नहीं है बल्कि इसके अंदर कई ऐसे संवाद है जो नीतिशास्त्र, प्रशासन, युद्ध शास्त्र तथा ज्ञान विज्ञान का भी परिचय देते हैं।

श्री शाह का कहना था कि रामायण से ज्ञात होता है कि जब स्त्री की मर्यादा का लोप होता है तब राज्य का लोप होता है, संस्कृति का लोप होता है। उन्‍होंने गांधी जी का जिक्र करते हुए कहा कि जब काका साहेब कालेलकर के कहने पर कौटिल्य के नीतिशास्‍त्र की प्रस्तावना एक वाक्य में लिखना था तब गांधी जी ने लिखा था यह ग्रंथ नहीं है महाग्रंथ है। इसी तरह रामायण को पढ़ने के बाद व्यक्तिगत जीवन, सामाजिक जीवन तथा देश की सारी समस्याओं का समाधान रामायण में मिल सकता है। श्री शाह ने कहा कि रामायण भाषाओं की मर्यादा लांघकर भारतीय संस्कृति की राजदूत बनकर अनेक देशों में पहुंची है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More