नई दिल्ली: केन्द्र सरकार योगगुरू बाबा रामदेव की बेटा पैदा करने की दवा की जांच कराएगी। सरकार ने कहाकि दवा की प्रमाणिकता की जांच की जाएगी और गलत या झूठा साबित होने पर कड़ी कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राज्यसभा में यह बात कही। इससे पहले इस दवा का मामला जेडीयू सांसद केसी त्यागी ने उठाया।
त्यागी ने सदन की कार्यवाही शुरू होने पर दवा के पैकेट सदन में लहराते हुए कहा कि पुत्र पैदा होने की दवा बाजार में खुले रूप से बेची जा रही है। इस दवा को बनाने वाला व्यक्ति हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी कार्यक्रम “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का दूत है। वही पुत्र पैदा होने का दावा करने वाली दवा बेच रहा है। उन्होंने कहा कि यह लैंगिक भेदभाव है और सरकार ऎसे व्यक्ति का साथ कैसे दे सकती है।
त्यागी की इस बात का नामित सदस्य जावेद अख्तर, समाजवादी पार्टी की जया बच्चन, कांग्रेस की विप्लव ठाकुर और अन्य सदस्यों ने समर्थन किया और सरकार के जवाब की मांग की। इस बीच पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इस तरह से इस दवा का प्रचार किया जा रहा है। संसदीय राज्य कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सदन में इस तरह से पैकेज नहीं लहराए जा सकते और यह सदन के सम्मान के विपरीत है। उन्होंने कहा कि यह सदन में बहस करने का मुद्दा नहीं है। उन्होंने इस पर उप सभापति से व्यवस्था देने की भी मांग की।
इसके बाद नड्डा ने कहा कि लैंगिक भेदभाव पर सरकार गंभीर है और इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और गलत या झूठा पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। उधर, मामले पर सफाई देते हुए योगगुरू रामदेव ने कहा कि इससे पुत्र और पुत्री पैदा होने का कोई औचित्य नहीं है। यह औषधि भारतीय चिकित्सा पद्धति में महिलाओं में बांझपन रोग दूर करने के लिए प्राचीन समय से ही दी जाती रही है।