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रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्कूली विद्यार्थियों के लिए ‘समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा’ अभियान का शुभारंभ किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को ‘समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा’ अभियान का शुभारंभ किया। दिल्ली कैंट स्थित केन्द्रीय विद्यालय क्रं-2 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में आयोजित समारोह के दौरान गणमान्य अतिथियों ने विद्यार्थियों के साथ मिलकर 350 से अधिक पौधों का रोपण किया और टपक बूंद सिंचाई प्रणाली का उद्घाटन किया। जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए इस अभियान को देश के 10 करोड़ से अधिक स्कूली विद्यार्थियों से जोड़ने की योजना है। समारोह के दौरान सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सुश्री रीना रे और संयुक्त सचिव श्री रामचंद्र मीणा भी उपस्थित रहे।

मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने अभियान का शुभारंभ करते हुए बच्चों से एक लीटर पानी प्रतिदिन बचाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के साथ जुड़कर 10 करोड़ बच्चे प्रतिदिन 10 करोड़ लीटर पानी बचा सकते हैं। उन्होंने बच्चों से जल संरक्षण का ब्रांड अंबेस्डर बनने की अपील की। स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर ही बच्चे अपने घर, विद्यालय और आसपास के क्षेत्रों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करें।

इस अवसर जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने देश में पानी की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों के साथ जल संचयन की विभिन्न विधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इजराइल का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार एक छोटे से देश ने पानी का इस प्रकार संरक्षण किया कि वह पानी निर्यात करने वाली देश बन गया। उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में केन्द्रीय विद्यालय संगठन के प्रयासों की भी सराहना की।

कार्यक्रम में अतिथियों ने स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार की गई एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया, जिसका शीर्षक है ‘मैं प्रतिदिन एक लीटर पानी कैसे बचा सकता हूं?’ इस पुस्तिका में उन छोटे-छोटे उपायों की चर्चा की गई है, जिनको अपना कर भारी मात्रा में पानी बचाया जा सकता है।

जल संचय पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रोत्साहन से प्रेरित होकर भारत सरकार ने जल शक्ति अभियान शुरू किया है। यह एक समयबद्ध अभियान है, जिसमें मिशन की तरह काम किया जा रहा है। जल संरक्षण की यह संकल्पना विद्यार्थियों को समझना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे पानी के महत्व को समझ सकें और इससे किस प्रकार उनके जीवन को अर्थपूर्ण दिशा मिलती है। इससे उन्हें विद्यार्थियों को अपने दैनिक जीवन में जल संरक्षण के प्रति प्रेरणा मिलेगी।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा स्कूल विद्यार्थियों के बीच जल संरक्षण गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘समग्र शिक्षा-जल सुरक्षा’ अभियान प्रारंभ किया जा रहा है, ताकि वे देश के एक सामर्थ्यवान, अंतर्विवेकशील और प्रतिबद्ध जल नागरिक बन सकें। इसके लिए विभाग ने एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की है।

अभियान के पांच प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • विद्यार्थियों को जल संरक्षण के बारे में शिक्षित करना
  • विद्यार्थियों को पानी की कमी के बारे में जागरूक करना
  • प्राकृतिक जल संसाधनों की रक्षा करने के लिए विद्यार्थियों को सशक्त बनाना
  • प्रत्येक विद्यार्थी को प्रति दिन एक लीटर पानी बचाने में सहायता करना
  • विद्यार्थियों को अपने घर और विद्यालय में पानी की न्यूनतम बर्बादी और उचित मात्रा में प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना

लक्ष्य

एक विद्यार्थी    –    एक दिन               –    एक लीटर पानी की बचत

एक विद्यार्थी    –    एक साल        –    365 लीटर पानी की बचत

एक विद्यार्थी    –    10 साल        –    3650 लीटर पानी की बचत

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