लखनऊ: रामपुर जिला सहकारी बैंक के सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि बैंक को न तो भारतीय रिजर्व बैंक से नई करेंसी मिली है और न ही बैंक द्वारा पुरानी करेंसी बदली गयी है।
इस संबंध में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनपद रामपुर के कुछ शर-पसंद एवं असामाजिक तत्वों द्वारा फेसबुक व्हाटऐप्स एवं समाचार पत्रों द्वारा फैलाई गयी यह शर्मनाक अफवाह कि रामपुर जिला सहकारी बैंक द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त करेंसी को कुछ संस्थानों की पुरानी करेंसी से बदलने के कार्य में इस्तेमाल किया गया है, वह पूर्णतया असत्य, भ्रामक और तथ्यों से परे है। रामपुर जिला सहकारी बैंक को न तो भारतीय रिजर्व बैंक से नई करेंसी मिली है और न ही किसी की पुरानी करेंसी को नई करेंसी से बदला गया है। शरारती तत्वों द्वारा रामपुर की एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को बदनाम करने के लिये यह साज़िश रची गयी है।
सचिव ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गत 14 नवम्बर को जारी अपने आदेश द्वारा पूरे देश के समस्त जिला सहकारी बैंक पर पुरानी श्रृखंला के 1000-500 रु0 के नोट्स बदले जाने एवं जमा किये जाने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि रामपुर जिला सहकारी बैंक लि0, रामपुर अपनी उच्च कार्य-प्रणाली एवं पारदर्शिता हेतु पूरे देश में विख्यात है। शरारती तत्वों द्वारा झूठा, मनगढ़न्त व जानबूझ कर जिला सहकारी बैंक की छवि गिराने तथा रामपुर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को बदनाम करने की चेष्टा से आम जन में भ्रम की स्थिति पैदा हुई है कि शरारतपूर्ण शिकायत के आधार पर यह केवल जिला सहकारी बैंक लि0, रामपुर पर पूर्व श्रृखंला के 1000-500 नोट्स बदले जाने अथवा जमा कराने पर रोक लगा दी गई है। गत 15 नवम्बर को अध्यक्ष, रामपुर जिला सहकारी बैंक लि0, रामपुर द्वारा इन शरारती तत्वों द्वारा किये गये गैर कानूनी कार्य एवं अफवाह फैलाने के सम्बन्ध में थाना सिविल लाइन्स, रामपुर में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया है। सचिव ने बैंक ग्राहकों से अपील की है कि वे किसी भी बहकावे की स्थिति में न आयें। रामपुर जिला सहकारी बैंक लि0, रामपुर अपने उच्च कार्य शैली एवं पारदर्शिता के साथ उनकी सेवा में सदैव तत्पर है। इस बारे में सहकारिता एवं शासकीय उच्चाधिकारियों को पृथक से सूचना प्रेषित कर दी गयी है।