लंदन: महाराजा रणजीत सिंह का बेशकीमती धनुष ..;और तीर रखने वाला तरकश लंदन में इसी महीने के अंत में नीलाम होगा। इस अमूल्य धरोहर को मखमली कपड़े में लिपटी और चमड़े की पट्टी से कसी है। इसके उपर सोने के तार से कारीगरी की गई है जो कि बेहद खूबसूरत नजर आता है। धनुष और तरकश की नीलामी के साथ-साथ महारानी रंजीत सिंह की रानी जिंदन कौर का बेशकीमती पन्ने और मोती का हार भी नीलाम होगा।
बताया जाता है कि सिख महाराजा और पंजाब के शेर के नाम से विख्यात महाराजा रंजीत सिंह इस विशेष तरकश का इस्तेमाल युद्ध के लिए नहीं बल्कि विशेष सामारोहों और आयोजनों के अवसर पर करते थे। 23 अक्टूबर को होने वाली नीलामी में इस तरकश की अनुमानित कीमत करीब 80 हजार पौंड (लगभग 78 लाख रुपए) व 1 करोड़ 17 लाख के बीच बताया जा रहा है। इस संबंध में बोहम्स में भारतीय और इस्लामिक कला के प्रमुख ओलिवर व्हाइट ने कहा कि यह बेहद आकर्षक है। इसका इस्तेमाल बहुत कम किया गया है इसलिए अब तक इतनी अच्छी हालत में है।
महरानी ने सती होना नहीं किया था स्वीकार
महाराजा रंजीत सिंह की पत्नी जिंदन कौर अकेली ऐसी रानी थीं जिन्होंने उनके निधन पर सती होना स्वीकार नहीं किया था। अपने पांच साल के बेटे दलीप को सत्ता दिलाने के लिए 1843 में जिंदन ने सेना खड़ी करके ब्रिटिश आक्रमणकारियों से लड़ाई लड़ी। हालांकि बाद में उन्हें बंदी बनाकर जेल में डाल दिया गया। लेकिन काठमांडू में नेपाल के राजा के महल में नजरंद जिंदन भागने में सफल रहीं और इंग्लैंड जाकर अपने बेटे से मिली और जेवरात हासिल की। जिंदन के कान के दो बुंदे इसी साल 1,75,000 पौंड में निलामी हुआ। source: oneindia