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रेंजर्स ग्राउन्ड में हरेला.घी संक्रान्द महोत्सव का आयोजन के संबंध में बैठक करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

देहरादून: आगामी 13 अगस्त से 16 अगस्त तक देहरादून के रेंजर्स ग्राउन्ड में हरेला-घी संक्रान्द महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। गुरूवार को बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इसमें कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई।
दिनंाक 13 अगस्त को कृषि विभाग द्वारा स्टाॅल लगाई जाएंगी। इसमें प्रगतिशील किसानों को किसान-सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। अलग से हरेला सम्मान भी दिया जाए। दिनंाक 14 अगस्त को संस्कृति विभाग द्वारा झुमैलो प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा और कवि सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। दिनांक 13 से 16 अगस्त तक सहकारिता विभाग व एमएसएमई विभाग विशेष रूप से महिला उद्यमियों व स्वयं सहायता समूहों के स्टाॅल लगाएंगे व 15 अगस्त को शिल्प रत्न पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। दिनंाक 16 अगस्त को घी-संक्रांद का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि स्टाॅल लगाने वालों को कोई नुकसान न हो। इसलिए प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की जाए। उक्त सभी कार्यक्रम धाद संस्था के सहयोग से आयोजित किए जाएंगे।
बैठक में बताया गया कि सामान्य रूप से वितरित किए जाने वाले पौध वितरण के अतिरिक्त हरेला के तहत 2 लाख 50 हजार पौधे वितरित किए गए। कृषि विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि इस वर्ष मंडुवा के उत्पादन व क्षेत्र में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कृषि विभाग को अधिक उत्पादन की दशा में मंडुवा के लिए न्यूनतम समर्थन कीमत के साथ सपोर्ट देने के निर्देश दिए। वन विभाग को ‘मेरा वृक्ष मेरा धन’ योजना को और तेजी देने के निर्देश दिए। शिववालयों में रूद्राक्ष व बेल के पेड़ लगाए जाएं। ये आजीविका का साधन हो सकते हैं। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के विकासखण्डों में ‘चुल’ के पेड़ क्लस्टर आधार पर लगाए जाएं। वनों में फलदार पेड़ अधिकाधिक लगाए जाएं। जिन गांवों में हाथियों की समस्या है वहां बाहरी सर्किल में करी पŸाा, महुआ आदि वे सभी वृक्ष लगाए जाएं जो कि मधुमक्खी पालन में सहायक होते हैं। जंगलो में मंडुवा, झंगोरा के बीज डालें जाएं। चाल-खाल में वन विभाग बेहतर काम कर रहा है। चाल-खाल व ट्रेंचेज बनाने के काम को और व्यापक किया जाए। बांस का प्लांटेशन भी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। रामगंगा व नयार नदियों के क्षेत्र में तून के पेड़ लगाए जाएं। जायका योजना में रिंगाल, मालू, बांस को भी योजना का हिस्सा बनाया जाए।
बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सचिव डीएस गब्र्याल, विनोद शर्मा, शैलेश बगोली सहित वन, संस्कृति, कृषि, सहकारिता, उद्योग विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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